सेना प्रमुख नरवने बोले- किसी और के कहने पर लिपलेख रास्ते का नेपाल कर रहा विरोध

Edited By Yaspal,Updated: 15 May, 2020 05:40 PM

army chief narwane said  nepal is protesting at the behest of someone else

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परोक्ष रूप से चीनी भूमिका का संकेत देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह मानने के कारण हैं कि उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे तक भारत के सड़क बिछाने पर नेपाल किसी और के कहने पर आपत्ति जता रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी...

नई दिल्लीः सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परोक्ष रूप से चीनी भूमिका का संकेत देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह मानने के कारण हैं कि उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे तक भारत के सड़क बिछाने पर नेपाल किसी और के कहने पर आपत्ति जता रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी सेना के साथ हाल की तनातनी पर भारतीय सेना सिलसिलेवार तरीके से निपट रही है। एक रक्षा थिंक-टैंक के साथ बातचीत में जनरल नरवणे ने कहा कि भारत को अपनी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर “दोहरे मोर्चे” पर युद्ध के परिदृश्य को लेकर “तैयार” रहना होगा लेकिन कहा कि वह हर झड़प के इस स्थिति में बदलने की संभावना नहीं देखते।

टूर ऑफ ड्यूटी (टीओडी) परिकल्पना के तहत युवाओं को तीन साल के लिये सेना में भर्ती करने के प्रस्ताव के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि यह विचार स्कूल और कॉलेज के छात्रों से मिले उस फीडबैक के बाद सामने आया कि वे सेना में स्थायी कमीशन लिए बिना ही सेना की जिंदगी का अनुभव करना चाहते हैं। जनरल नरवणे ने कहा कि टीओडी से सेना को अपने पेंशन और अन्य दिये जाने वाले फायदों पर आने वाली लागत को कम करने में मदद मिलेगी।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेना को सरकार की तरफ से आदेश मिला है कि कोविड-19 के मद्देनजर वह चालू वित्त वर्ष में अपने खर्चों में 20 प्रतिशत की कटौती करे और सेना अपनी युद्ध तैयारियों से समझौता किये बिना इसे लागू कर रही है। उन्होंने मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनलिसिस द्वारा आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि बड़े पैमाने पर जवानों की आवाजाही को रोकने समेत विभिन्न उपायों के तहत खर्च में कटौती की जा रही है।

भारत द्वारा लिपुलेख-धारचुला मार्ग तैयार किये जाने पर नेपाल द्वारा आपत्ति किये जाने के सवाल पर जनरल नरवणे ने कहा कि पड़ोसी देश की प्रतिक्रिया हैरान करने वाली थी। सेना प्रमुख ने कहा, “काली नदी के पूरब की तरफ का हिस्सा उनका है। हमने जो सड़क बनाई है वह नदी के पश्चिमी तरफ है। इसमें कोई विवाद नहीं था। मुझे नहीं पता कि वे किसी चीज के लिये विरोध कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “पूर्व में कभी कोई समस्या नहीं हुई है। यह मानने के कारण हैं कि उन्होंने किसी दूसरे के कहने पर यह मामला उठाया है और इसकी काफी संभावना है।”

 

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