सीमा तनाव के बीच 4-6 नवंबर को नेपाल जाएंगे आर्मी चीफ नरवणे,PM ओली से करेंगे मुलाकात

Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Oct, 2020 02:37 PM

army chief narwane will go to nepal on 4 6 november

सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे नेपाल की तीन दिवसीय सरकारी यात्रा पर 4 नवंबर को काठमांडू पहुंचेंगे और इस दौरान वह प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे। बता दें कि ओली रक्षा मंत्री भी हैं। यहां नेपाल के सेना मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति के...

नेशनल डेस्क: सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे नेपाल की तीन दिवसीय सरकारी यात्रा पर 4 नवंबर को काठमांडू पहुंचेंगे और इस दौरान वह प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मुलाकात करेंगे। बता दें कि ओली रक्षा मंत्री भी हैं। यहां नेपाल के सेना मुख्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार जनरल नरवणे अपने नेपाली समकक्ष के आधिकारिक निमंत्रण पर 4-6 नवंबर के दौरान नेपाल की यात्रा करेंगे। विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों देशों की सेनाओं के बीच मित्रता की परंपरा को जारी रखते हुए जनरल नरवणे को यहां राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा ‘नेपाल सेना के जनरल' का मानद पद प्रदान किया जाएगा। यह परंपरा 1950 में शुरू हुई थी जो दोनों सेनाओं के बीच मजबूत संबंध का द्योतक है।

 

बयान के अनुसार जनरल नरवणे का अपनी यात्रा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री ओली से भी मिलने का कार्यक्रम है। वह सैन्य पैवेलियन में शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि देंगे, उन्हें सलामी गारद दी जाएगी, वह अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्णचंद्र थापा के साथ आधिकारिक बैठक करेंगे और शिवपुरी में आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ने के वाले 80 किलोमीटर लंबे रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का 8 मई को उद्घाटन किये जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते में तनाव आ गया था।

 

नेपाल ने यह दावा करते हुए इस उद्घाटन का विरोध किया था कि यह मार्ग उसके क्षेत्र से गुजरता है। कुछ ही दिन बाद उसने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना हिस्सा बताते हुए नया मानचित्र जारी कर दिया। इसी विवाद के बाद जनरल नरवणे ने कहा था कि यह यकीन करने के लिए कारण है कि नेपाल ने किसी अन्य के इशारे पर इस सड़क का विरोध किया। उनका इशारा इस मामले मे चीन की संभावित भूमिका की ओर था। जनरल नरवणे के बयान के बाद नेपाल की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आयी थी। भारत ने भी नवंबर,2019 मे नया मानचित्र जारी किया था और इन क्षेत्रों को अपनी सीमा के अंदर दिखाया था। नेपाल द्वारा नया मानचित्र जारी किए जाने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे ‘एकतरफा कार्रवाई' करार दिया और उसे चेताया कि क्षेत्रीय दावे के ‘कृत्रिम विस्तार' को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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