अब और भी ज्यादा शक्तिशाली हुई भारतीय सेना, शामिल हुई M-777 और K-9 तोपें

Edited By Yaspal,Updated: 09 Nov, 2018 05:01 PM

army formally inducts k9 vajra and m777 howitzer guns

भारतीय सेना की ताकत में अब और इजाफा होने जा रहा है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शु्क्रवार को थलसेना में तीन प्रमुख तोप प्रणालियों को शामिल किया, जिनमें ‘एम777 अमेरिकन अल्ट्रा लाइट होवित्जर’ और ‘के-9 वज्र’ शामिल हैं। ‘के-9 वज्र’ एक स्व-प्रणोदित...

नेशनल डेस्कः भारतीय सेना की ताकत तथा मारक क्षमता आज उस समय और बढ़ गई जब अत्याधुनिक तोपें के-9 वज्र और एम 777 होवित्जर तोप उसके हथियारों के जखीरे में औपचारिक रूप से शामिल हो गईं। महाराष्ट्र के देवलाली स्थित सेना के तोपखाना सेंटर की फायरिंग रेज में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की मौजूदगी में इन तोपों ने अपनी ताकत का नमूना पेश किया और उनकी गर्जन से आसमान कांप उठा। इसके बाद इन्हें औपचारिक रूप से सेना में शामिल कर लिया गया। 

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तीन दशक के बाद मिल सेना को अत्याधुनिक तोप
म 777 अल्टा लाइट होवित्जर तोप अमेरिका से तथा के-9 वज्र तोप दक्षिण कोरिया से खरीदी गई हैं। शुरुआती खेप के बाद इन दोनों तोपों को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विदेशी कंपनियों की भारतीय भागीदार कंपनियां देश में ही विकसित करेंगी। के-9 की दस तोप देश में ही असेंबल की गगई हैं जबकि बाकी 90 यहीं विकसित की जाएंगी। सेना को इस मारक क्षमता की अत्याधुनिक तोप लगभग तीन दशक के बाद मिल रही है। इन तोपों की खरीद का सौदा 2006 में शुरू हुआ था लेकिन यह लंबे समय से अटका पड़ा था।
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अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया के जवान करते हैं इसका इस्तेमाल 
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि सेना को अगले दो वर्षों में क्रमश: 4366 करोड़ रुपये तथा 5000 करोड रुपये की लागत से 100 के-9 और 145 एम-777 होवित्जर तोप मिलेंगी। ये तोप सेना को दो महीने पहले मिलनी थी लेकिन तकनीकी कारणों से इसमें कुछ देरी हुई। एम 777 तोप शुरू में अमेरिका की मरीन कोर और अमेरिकी सेना के लिए विकसित की गई और बाद में 155 एम एम लाइटवेट श्रेणी में इसने अपना लोहा मनवाया। इस तोप का अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया के जवान इस्तेमाल कर रहे हैं। सेना को 25 एम 777 तोपों की आपूर्ति जल्द की जाएगी जबकि बाकी 120 देश में ही असेबंल की जाएंगी।


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एक नजर खासियतों परः 
न तोपों को मालवाहक विमानों में दूर दराज के दुर्गम क्षेत्रों में ले जाकर तैनात किया जा सकता है। 
एम 777 होवित्जर तोप 30 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती है। 
सेना के पास के-9 की पांच रेजिमेंट और एम 777 की 7 रेजीमेंट रहेंगी।  
के- 9 तोप 28 से 38 किलोमीटर तक मार कर सकती है और यह 30 सेकेंड में तीन गोले तथा तीन मिनट में 15 गोले दाग सकती है। 

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