Edited By ,Updated: 18 Jan, 2017 12:56 PM
देश की रक्षा के लिए दिन-रात सीमा पर डटे रहने वाले भारतीय सेना के जवान कभी अपनी जान की परवाह नहीं करते और करोड़ों लोगों की जिंदगी की हिफाजत करते हुए खुद शहादत को गले लगा लेते हैं।
नई दिल्ली: देश की रक्षा के लिए दिन-रात सीमा पर डटे रहने वाले भारतीय सेना के जवान कभी अपनी जान की परवाह नहीं करते और करोड़ों लोगों की जिंदगी की हिफाजत करते हुए खुद शहादत को गले लगा लेते हैं। पहली बार हमारी सेना के जवानों को विश्वस्तरीय हेलमेट प्रदान किए जाएंगे। एक न्यूज चैनल की खबर के आधार पर जानकारी मिली है कि कानपुर की एक कंपनी एमकेयू इंडस्ट्रीज से 1.58 लाख हेलमेट तैयार करने के लिए 170-180 करोड़ की डील की गई है और नए हेलमेट का उत्पादन शूरू हो गया है।
हेलमेट को लेकर इतना बड़ा ऑर्डर पिछले बीस सालों में पहली बार दिया गया है। नए हेलमेट अगले तीन वर्षों के भीतर एमकेयू इंडस्ट्रीज से मिलना शुरू हो जाएंगे जो कि विश्वस्तरीय बॉडी आर्मर (बुलेट प्रूफ जैकेट और हेलमेट) निर्माता कंपनी है। इतना ही नहीं एमकेयू इंडस्ट्रीज पूरी दुनिया की सेनाओं को बॉडी आर्मर भी निर्यात करती है।
ये होगी खासियत
नए हेलमेट 9mm की गोली को झेलने की भी पॉवर रखते होंगे। चाहे उसे क्लोज रेंज से ही क्यों ना चलाया गया हो। वे हेलमेट वैश्विक स्टेंडर्ड पर खरे भी उतरते हैं। वे हेलमेट पहननने में सहज होंगे और उनमें से ज्यादातर में संचार उपकरणों को लगाकर भी दिया जाएगा। 10 साल पहले इंडियन आर्मी की स्पेशल फोर्स के लिए इजरायल के OR-201 हेलमेट्स मंगवाए गए थे। जो कि कांच की सुदृढ़ प्लास्टिक से बने थे। हालांकि, आम जवान को भारत में ही बने हेलमेट दिए जाते हैं। जो कि काफी भारी होते हैं और लड़ाई की स्थिति में दिक्कत देते हैं।
इससे पहले भारतीय सेना की एलीट अर्ध विशेष बलों को इजरायली ओआर-201 हेलमेट से लैस किया गया था। हालांकि नियमित सैनिकों को भारी वजन वाले घरेलू बाजार से बने हेलमेट दिए गए थे जो कि युद्ध जैसी स्थितियों के लिए सुविधाजनक नहीं थे, जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना को बुलेट प्रूफ़ 'पटका' पहनने होती है। हालांकि इन हेलमेटों की सीमाएं है क्योंकि वे केवल सिर के अगले और पिछले हिस्से ही सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसके अलावा, इनका वजन 2.5 किलोग्राम होता है। आमने-सामने से लड़ी जाने वाली लड़ाई में बुलेटप्रूफ जैकेट बहुत कारगर साबित होती है। उससे दुश्मन की गोली और धारधार हथियार से बचने में मदद मिलती है।