डोकलाम विवाद के बाद सेना ने शुरू किया चीन सीमा के साथ लगती सड़क बनाने का काम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 12:37 PM

army takes steps to speed up the movement of soldiers on the border with china

सेना ने 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन से लगी सीमा पर सड़क ढांचे को दुरस्त करने का फैसला किया है और अपने कोर इंजीनियरों को पूरे जोरशोर के साथ इस कार्य को करने का जिम्मा सौंपा है ताकि सैनिकों की तीव्र आवाजाही सुनिश्चित हो सके।...

नई दिल्लीः सेना ने 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन से लगी सीमा पर सड़क ढांचे को दुरस्त करने का फैसला किया है और अपने कोर इंजीनियरों को पूरे जोरशोर के साथ इस कार्य को करने का जिम्मा सौंपा है ताकि सैनिकों की तीव्र आवाजाही सुनिश्चित हो सके। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोर ऑफ इंजीनियर्स (सीओई) ने इस उद्देश्य के लिए पहले ही कई कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पहाड़ काटने और सड़क बिछाने की विभिन्न मशीनों के नए संस्करणों और उपकरणों के लिए आर्डर दिए गए हैं। इसके अलावा सैनिकों की तीव्र आवाजाही के लिए असाल्ट ट्रेक्स की खरीद की जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि सेना मुख्यालय ने बारूदी सुरंग का पता लगाने की कोर इंजीनियरों की क्षमता बढ़ाने के लिए एक हजार से अधिक दोहरे ट्रैक माइन डिटेक्टरों के आर्डर दिए हैं। भारत और चीन चार हजार किलोमीटर लम्बी सीमा साझा करते हैं। 237 पुरानी सीओई महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग मदद उपलब्ध कराती है। यह सैनिकों तथा तोपों की तीव्र आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण सीमाई इलाकों में सम्पर्क सुलभ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

सूत्रों ने बताया कि संवेदनशील सीमाओं पर आधारभूत ढांचे को बढ़ाना सरकार की सशस्त्र सेनाओं की लड़ाकू तैयारियों को प्रोत्साहित करने की समग्र रणनीति का एक हिस्सा है। सेना डोकलाम गतिरोध के बाद चीन-भारत सीमा पर आधारभूत संरचना पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। उल्लेखनीय है कि चीनी सेना द्वारा विवादित क्षेत्र में सड़क निर्माण को भारतीय सैनिकों के रोकने के बाद 16 जून से डोकलाम में 73 दिनों तक भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध बना रहा। यह गतिरोध 28 अगस्त को समाप्त हुआ था।

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