Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 Apr, 2019 12:52 PM
भारतीय सेना जम्मू कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में असाल्ट राइफल के माडिफाइड वर्जन एके 203 को प्रयोग करने की योजना बना रही है।
नई दिल्ली : भारतीय सेना जम्मू कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में असाल्ट राइफल के माडिफाइड वर्जन एके 203 को प्रयोग करने की योजना बना रही है। यह राइफलें उत्तर प्रदेश के अमेटी की आर्डिनेस फैक्ट्री बोर्ड में रूस के सहयोग से बनाई जाएंगी। असाल्ट राइफलें जवानों को आतंकियों के खिलाफ होने वाले ऑपेरशनों में लडऩे के लिए दी जाएंगी। 93000 राइफलों को फास्ट ट्रैक प्रक्रिया से खरीदने के लिए एक अलग से टैंडर भी भरा जा चुका है।
एक सैन्य सूत्र के अनुसार, हम कारबाइन की तरह एके 203 का प्रयोग करना चाहते हैं। राइफल का साइज छोटा करने के लिए हम राइफल बट्ट को पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं ताकि आतंकियों के खिलाफ गुप्त अभियानों में इसे कपड़ों के भीतर आसानी से छुपाया जा सके। उन्होंने आगे कहा, अगर जरूतर पड़ी तो और भी सुधार किये जाएंगे। 93000 राइफलें खरीदने के लिए जल्द प्रयास किये जा रहे हैं और रक्षा मंत्रालय ने इसके लिए एक कमेटी भी गठित की है। इस मामले में एक वरिष्ठ ले. जनरल रैंक के अधिकारी को भी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि सेना के लिये असाल्ट राइफलों के दो तरह के मॉडल खरीदने के लिए केन्द्र सरकार पहले ही कान्ट्रैक्ट को अंतिम मंजूरी दे चुकी है। सरकार इस बात का प्रयास कर रही है कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत तीन लाख कारबाइन राइफलों को भारत में ही बनाया जाएग।