Edited By ,Updated: 02 Jan, 2015 05:03 PM
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि देश में नदी विकास से जुड़े विशाल काम को पूरा करने के लिए केंद्रीय सिंचाई एवं बिजली बोर्ड...
नई दिल्ली: केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि देश में नदी विकास से जुड़े विशाल काम को पूरा करने के लिए केंद्रीय सिंचाई एवं बिजली बोर्ड (सीबीआईपी) जैसी संस्थाओं को आगे आकर इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा लेना चाहिए। सुश्री भारती ने सीबीआईपी दिवस के मौके पर कहा कि हालांकि सरकार इसमें अपनी भूमिका निभायेगी लेकिन समाज के सभी वर्गों को अपनी सक्रिय सहभागिता से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी नदियों में प्रदूषण नहीं बढ़े। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उपयुक्त जागरूकता का प्रसार करने के लिए स्कूल स्तर से ही बच्चों को ज्ञान दिये जाने की जरूरत है।
जल संसाधन मंत्री ने अपने मंत्रालय के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि बेहतर जल संसाधन, विकास एवं प्रबंध के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की व्यापक मंत्रणा के जरिए एक उपयुक्त रणनीति बनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जल संसाधन मंत्रालय का एक बहुत ही महत्वपूर्ण एजेंडा गंगा संरक्षण से संबद्ध है। उन्होंने कहा 'हम इस तरह की योजनाएं बना रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अपशिष्ट जल पूर्ण रूप से शोधन के बाद ही गंगा में छोड़ा जाए ताकि इसकी पवित्रता को बरकरार रखा जा सके। अपनी सफलता के बाद यह कार्यक्रम एक मॉडल के रूप में कार्य करेगा ताकि देश की अन्य प्रदूर्षित नदियों में जल की गुणवत्ता में सुधार लाने की प्रक्रिया को दर्शाया जा सके।'
सुश्री उमा भारती ने देश में नदियों में प्रदूषण स्तर बढऩे पर चिंता जताते हुए कहा कि यह बहुत ही गंभीर समस्या बन चुकी है जो मानव जाति, जीवों, मछलियों और नदियों में पाये जाने वाले जीव-जंतुओं के लिए घातक है। सुश्री उमा भारती ने कहा कि अंधाधुंध एवं असावधानीपूर्ण विकासात्मक गतिविधियों के परिणामस्वरूप स्वच्छ जल जो कभी हमारी धरोहर हुआ करता था अब वह विभिन्न नगर-निगमों और औद्योगिक कचरों के निस्तारण का स्थान बनता जा रहा है। हालांकि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की स्थापना की है लेकिन अभी तक जो परिणाम सामने आये हैं वे सकारात्मक नहीं हैं। अगर इसी रफ्तार से प्रदूषण बढ़ता रहा तो एक दिन ऐसा भी आयेगा जब हमें देश में कहीं भी साफ पानी देखने को नही मिलेगा।