Edited By ,Updated: 04 Feb, 2015 03:42 PM
पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में उससे जुडऩे के बाद बहुत..
रायपुर: पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)
की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में उससे जुडऩे के बाद बहुत कुछ हासिल किया। आडवाणी ने आज यहां हिन्दी दैनिक स्वदेश के रायपुर संस्करण के रजत जयन्ती वर्ष पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि वह 13-14 वर्ष की आयु में आरएसएस से जुड़े और उसके बाद तमाम मुकाम तक पहुंचे। इस मौके पर उन्होने स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर
आधारित ..वन्दनीय विवेकानन्द.. पुस्तक का भी विमोचन किया।
उन्होने कहा कि आजादी के पहले संघ राजनीति में उतरने के पक्ष में नही था। आजादी के बाद उसकी सोच बदली और आज
उसकी सोच से जुड़े लोग न केवल राजनीति बल्कि दूसरे क्षेत्रों में भी अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज करवाई है। उन्होंने इस मौके पर दोहरी सदस्यता विवाद और भारतीय जनता पार्टी के गठन का भी संक्षिप्त उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का उद्देश्य भारत को परम वैभव पर पहुंचना था और संघ भी उसी उद्देश्य को लेकर निरन्तर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने शिकागों में विवेकानन्द के दिए व्याख्यान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके द्वारा आध्यात्म के किए गए विवेचन से पश्चिमी देशों में भारत के प्रति एक नई सोच का उदय हुआ।