Edited By ,Updated: 11 Feb, 2015 02:03 PM
पिछले 16 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए संघर्ष कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक राहत की खबर है। भाजपा के वोट प्रतिशत में 1 प्रतिशत से भी कम की गिरावट रही लेकिन उसकी सीटों की संख्या 31 से कम होकर तीन रह गई।
नई दिल्ली: पिछले 16 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए संघर्ष कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक राहत की खबर है। भाजपा के वोट प्रतिशत में 1 प्रतिशत से भी कम की गिरावट रही लेकिन उसकी सीटों की संख्या 31 से कम होकर तीन रह गई। भाजपा की इस शर्मनाक हार का मुख्य कारण बना कांग्रेस के वोट प्रतिशत में 15 प्रतिशत की गिरावट। कांग्रेस को दिसंबर, 13 में हुए विधानसभा चुनाव में 24.6 प्रतिशत मत हासिल हुए थे जबकि इस बार वह कुल पड़े मतों में से केवल 9.7 प्रतिशत ही हासिल कर पाई। इसका पूरा खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा क्योंकि कांग्रेस के ये सारे वोट आप के खाते में चले गए।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 33.1 प्रतिशत वोट हासिल कर 31 सीटें हासिल की थीं और इस बार वह पार्टी को 32.2 प्रतिशत मत मिले लेकिन वह मात्र तीन सीटों पर सिमट गई। इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी.आप. के वोटों में 25 प्रतिशत का भारी इजाफा हुआ। पिछले चुनाव में 29.5 प्रतिशत वोट हासिल कर पहली बार चुनाव में उतरी आप ने 28 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी 54.3 प्रतिशत वोट हासिल कर 70 में से 67 सीटें जीतीं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा)ल के वोट प्रतिशत में भी चार प्रतिशत से अधिक की कमी आई। पिछले चुनाव में बसपा को 5.4 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि इस बार उसे केवल 1.3 प्रतिशत वोट ही मिल पाए।