Edited By ,Updated: 11 Feb, 2015 05:35 PM
मेधा पाटकर और स्वामी अग्निवेश सहित कई सामाजिक कार्यकर्र्ता भूमि अधिग्रहण संबंधी 2013 के कानून में बदलाव करने के खिलाफ 28 फरवरी को पलवल से दिल्ली कूच करेंगे।
नई दिल्ली: मेधा पाटकर और स्वामी अग्निवेश सहित कई सामाजिक कार्यकर्र्ता भूमि अधिग्रहण संबंधी 2013 के कानून में बदलाव करने के खिलाफ 28 फरवरी को पलवल से दिल्ली कूच करेंगे। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि ‘‘ हम किसानों, आदिवासियों को एकत्रित कर केंद्र की सरकार के सामने उनके बुनियादी सवालों को उठाएंगे। इसकी शुरूआत हम तेलंगाना में कर चुके हैं।’’ उन्होंने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को किसान विरोधी और उद्योगपति हितैषी बताते हुए कहा कि वह आदिवासियों, किसानों के साथ मिलकर 28 फरवरी को पलवल से दिल्ली की आेर मार्च करेेंगे क्योंकि उस समय संसद का सत्र भी चल रहा होगा। उन्होंने कहा, पलवल वही स्थान है जहां भारत लौटने पर महात्मा गांधी पहली बार गिरफ्तार हुए थे। राजग सरकार ने 2013 में पारित भूमि अधिग्रहण कानून में परिवर्तन करते हुए एक अध्यादेश के जरिए उसे लागू किया है।
अग्निवेश ने बताया कि इस मार्च में उनके साथ एकता परिषद के पी. वी. राजगोपाल, मेधा पाटकर, झारखंड-उड़ीसा के कई आदिवासी नेता व परमाणु उर्जा विरोधी तथा मद्यपान निषेध से जुड़े कई संघर्ष समूह हिस्सा लेंगे। उन्होंने इस मार्च में अन्ना हजारे के शामिल होने की भी संभावना जताई। दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप की जीत को अग्निवेश ने आम आदमी की जीत बताया। आप की जीत पर अग्निवेश ने कहा, ‘‘मुझे बेहद खुशी है। यह दिल्ली के आम आदमी, झुग्गी झोपड़ी वालों की जीत है जिसने देश की सबसे बड़ी हुकूमत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को करारी शिकस्त दी है।’’ पूर्व में मोदी का समर्थन कर चुके अग्निवेश ने कहा, ‘‘हां उस समय मैंने उनका समर्थन किया था लेकिन पिछले आठ महीनों में उन्होंने अपना नैतिक बल और विश्वसनीयता को खो दिया है।’’
आप की जीत को उन्होंेने भाजपा की करारी हार करार देते हुए कहा कि इन चुनावों का प्रचार खुद मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कर रहे थे और जनता ने हार का मुंह दिखाया जिसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें कम से कम इस्तीफे की पेशकश तो करनी चाहिए। आने वाले दिनों में राजनीति में आने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि आप की सरकार में उन्हें भरोसा है और वह उससे अच्छे की उम्मीद करते हैं। वह राजनीति न करके लोकनीति का सहारा लेंगे और गरीबों के विकास के लिए आप की सरकार का सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि सहयोग के लिए वह जनशक्ति को खड़ा करेंगे और यदि अरविंद केजरीवाल उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते तो उनका विरोध भी करेंगे।