Edited By ,Updated: 25 Feb, 2015 09:30 PM
साइबर सुरक्षा के खतरे को ‘‘बड़ी चुनौती’’ बताते हुए सरकार ने आज कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उपाय सुझाने के उद्देश्य से एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई है....
नई दिल्ली: साइबर सुरक्षा के खतरे को ‘‘बड़ी चुनौती’’ बताते हुए सरकार ने आज कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए उपाय सुझाने के उद्देश्य से एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई है और उम्मीद है कि तीन माह में समिति अपनी रिपोर्ट दे देगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया ‘‘साइबर सुरक्षा को खतरा देश के लिए बड़ी चुनौती है। साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।’’
उन्होंने घरेलू हवाईअड्डों में साइबर सुरक्षा के उल्लंघन के बारे में पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि इस चुनौती से निपटने तथा देश में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के उपाय सुझाने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है और उम्मीद है कि समिति तीन माह में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। गृृह राज्य मंत्री एच पी चौधरी ने बताया कि वर्ष 2011 से हवाईअड्डों पर सुरक्षा उल्लंघन के 30 मामलों की खबर आई और इनमें ताजा मामला नागपुर हवाईअड्डे का है जहां पांच फरवरी को कथित साइबर सुरक्षा उल्लंघन हुआ था।
उन्होंने कहा कि नागरिक विमानन मंत्रालय के तहत आने वाले नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) सुरक्षा संबंधी खामी या सुरक्षा के उल्लंघन की घटनाओं की जांच करता है। चौधरी के अनुसार, बीसीएएस ने सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं जिनमें हवाईअड्डों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तथा बड़े हवाईअड्डों पर ‘क्विक रिएक्शन टीमों’ की समयबद्ध तैनाती करना शामिल है। सुरक्षा संबंधी उपायों में से कुछ का जिम्मा निजी एजेंसियों को सौंपे जाने के बारे में पूछने पर चौधरी ने नकारात्मक जवाब दिया।