Edited By ,Updated: 20 Mar, 2015 05:23 PM
गंगा संरक्षण राज्य मंत्री प्रो. सांवर लाल जाट ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि गंगा नदी के किनारों से लगते 118 शहरों में शहरी विकास मंत्रालय और जल संसाधन
नई दिल्लीः गंगा संरक्षण राज्य मंत्री प्रो. सांवर लाल जाट ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि गंगा नदी के किनारों से लगते 118 शहरों में शहरी विकास मंत्रालय और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा चरणबद्ध ढंग से सीवेज परिशोधन परियोजनाएं कार्यान्वित की जाएंगी।
राज्य एवं केन्द्र अभिकरणों, सार्वजनिक भागीदारी और विशेष प्रयोजन संसाधन अर्थात जो भी उचित होंगे, जैसी पद्धतियों के जरिए कार्यान्वयन के विविध ढंग तलाशे जाएंगे।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के संघ ने 31 जनवरी, 2015 को 'गंगा नदी बेसिन प्रबंधन योजना-2015' नामक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी जिसमें सिफारिश की गई कि राष्ट्रीय नदी गंगा की परिपूर्णता को एक क्रियाशील परिदृश्य में देखा जाना है। 8 महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां मिशन अर्थात 'अविरल धारा', निर्मल धारा', 'पारिस्थितकीय पुनरूद्धार', 'स्थाई कृषि', 'भूगर्भीय सुरक्षा', 'आपदा के प्रति बेसिन सुरक्षा', 'नदी खतरा प्रबंधन' और 'पर्यावरणीय ज्ञान अर्जन और सुग्राह्यता' के रूप में पुनरूद्धार किए जाने हैं।
सरकार इस समय गंगा नदी में अबाधित प्रवाह को बनाए रखने समेत जीआरबीएमपी-2015 की सिफारिशों की जांच कर रही है।