बाल विवाह विरोधी कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ पर लागू: HC

Edited By ,Updated: 02 Apr, 2015 09:07 AM

article

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि बाल विवाह रोकने संबंधी कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ के खिलाफ नहीं है और यह पर्सनल लॉ पर भी लागू होगा।

मदुरै: मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि बाल विवाह रोकने संबंधी कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ के खिलाफ नहीं है और यह पर्सनल लॉ पर भी लागू होगा। कोर्ट ने कहा कि यह लड़कियों के कल्याण के लिए बनाया गया है। कोर्ट ने एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

इस याचिका में सरकारी अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे बाल विवाह रोकथाम अधिनियम-2006 के प्रावधानों के जरिए मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत होने वाली शादियों में दखल नहीं दें। बाल विवाह रोकथाम कानून के तहत 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी पर रोक है। याचिकाकर्त्ता के मुताबिक पर्सनल लॉ 15 से 18 साल के बीच की उम्र की लड़कियों की शादी की इजाजत देता है।

न्यायमूर्ति एस तमिलवनन और न्यायमूर्ति वी.एस रवि की पीठ ने गत मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि बाल विवाह रोकथाम कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ के खिलाफ नहीं है। लड़कियों के कल्याण के लिए बनाया गया यह कानून पर्सनल लॉ पर लागू होता है।

बाल विवाह रोकथाम कानून से लड़कियों को शिक्षा हासिल करने, सशक्तीकरण आदि में मदद मिलती है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के पदाधिकारी मोहम्मद अब्बास ने इस जनहित याचिका में जिला सामाजिक कल्याण अधिकारी की कार्रवाई को चुनौती दी थी. इस अधिकारी ने विरुद्धनगर जिले के महाराजापुरम गांव में 16 साल की लड़की की शादी को रोक दिया था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!