Edited By ,Updated: 06 Apr, 2015 05:48 PM
पिछले महीने एक सप्ताह के भातर शनि के वक्री होने और सूर्य को ग्रहण लगने का सीधा असर धरती की हलचल पर पड़ा है।
जालंधर: पिछले महीने एक सप्ताह के भीतर शनि के वक्री होने और सूर्य को ग्रहण लगने का सीधा असर धरती की हलचल पर पड़ा है। ज्योतिष के मुताबिक यदि शनि के वक्री स्थिति में रहते सूर्य ग्रहण आ जाए तो ग्रहण के कम से कम 45 दिन तक भयंकर भूचाल आने की आशंका रहती है। अतीत में आए बड़े भूचालों के दौरान भी शनि देव वक्री स्थिति में थे और कई बार बड़े भूचाल सूर्य ग्रहण के पश्चात आए हैं।
14 मार्च को शनि के वक्री स्थिति में आने के 18 दिन के भीतर ही 26 बार भूचाल आ चुका है। इस बीच 29 मार्च को पपुआ न्यू गुनिया में आए 7.5 की तीव्रता वाले भूचाल के समय सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई थी। इस दौरान 19, 22 और 23 मार्च को तीन-तीन बार धरती हिली है, जबकि 23 मार्च को 4 बार, 17, 20, 25, 27, 28 और 29 मार्च को 2-2 बर भूचाल आया। 21 मार्च को एक बार धरती कांपी। इस बीच 4 अप्रैल को चंद्र ग्रहण भी देखने को मिल सकता है।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव फिलहाल इस महीने के अंत: तक देखने को मिल सकते है। लिहाजा आने वाले दिनों में और भूचाल आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।