Edited By ,Updated: 24 Apr, 2015 01:28 PM
लगभग दो माह के अवकाश के बाद वापस लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केदारनाथ पहुंचने पर भगवान केदारनाथ के दर्शन किए
केदारनाथ (उत्तराखंड): अपनी ही पार्टी तथा विपक्ष के दबाव के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लगता है दिल्ली में न रहने की कसम ही खा ली है। 56 दिन विदेश में रहने के बाद अब राहुल केदारनाथ में शांति पाने पहुंच गए है। फिर भी उनकी पार्टी को इससे भी शायद कोई लाभ मिल जाए।
राहुल के विशेष आरती में शामिल होने से पार्टी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। राहुल के पूजा अर्चना में शामिल होने से कांग्रेस को जहां सिर्फ अल्पसंख्यकों की पार्टी होने का आरोप खत्म होने की उम्मीद है, वहीं उनकी पदयात्रा से तीर्थयात्रियों के मन में सुरक्षा का भाव पैदा होगा। वहीं स्वाल ये भी उठता है कि क्या राहुल गांधी की केदारनाथ यात्रा से कांग्रेस की छवि बदलेगी?
राहुल ने आज प्रात: केदारनाथ मंदिर के अन्दर भगवान के दर्शन किए। बाहर निकलने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा ‘‘मैं जब भी किसी मंदिर में जाता हूं तो कुछ मांगता नहीं।’’ उन्होंने कहा कि वह आज जब केदारनाथ मंदिर के अंदर गए तो उन्हें वहां एक अलौकिक अनुभूति हुई जो उनके लिए अविस्मरणीय रहेगी।
राहुल ने कहा कि वह यहां भगवान के दर्शन करने आए हैं न कि किसी स्वार्थ के चलते। वह कोई मनौती लेकर भगवान के दरबार में नहीं आए हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष की केदारनाथ यात्रा को भी पार्टी की छवि बदलने के नजरिये से देखा जा रहा है।
गांधी ने 2013 के जलप्रलय में तबाह हुए केदारधाम के पुनर्निर्माण और यात्रा व्यवस्था पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत का आपदाग्रस्त क्षेत्र में हेलीपैडों का निर्माण का विचार सराहनीय है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि अन्य राज्यों को भी इस विचार का अनुकरण करना चाहिए ताकि संकट के समय लोगों को बाहर तत्काल बाहर निकाला जा सके।
गांधी ने अधिक से अधिक हेलीपैडों के निर्माण को पर्यटन की दृष्टि से भी उपयोगी बताया। उन्होंने यात्रा व्यवस्था को चाक चौबंद बताया और कहा कि केदारनाथ की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित और सुगम है तथा श्रद्घालुओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। गांधी आज सुबह लिंचोली से छह कि.मी की खड़ी चढ़ाई पार कर केदारनाथ पहुंचे। यात्री दल में सबसे आगे राहुल चल रहे थे। एसपीजी के कमांडो उनके पीछे थे। केदारनाथ में भगवान के दर्शन करने के बाद राहुल हेलीकाप्टर से देहरादून लौट गए।