Edited By ,Updated: 22 May, 2015 11:42 AM
मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला का कहना है कि...
नई दिल्ली: मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला का कहना है कि मुसलमानों को सियासी टोपी पहनाकर वोट बैंक की राजनीति की गई। उनका कहना है कि हम मानते हैं, मुसलमानों को टोपी की नहीं रोटी की जरूरत है।
यह पहली सरकार है जो अपने ‘सबका साथ सबका विकास’ के शासन मंत्र के तहत मुसलमानों के समग्र विकास की ओर ध्यान दे रही है। इस वर्ग के हुनर को बढ़ावा देने के लिए उस्ताद योजना शुरू की गई है। एक करोड़ विद्यार्थियों को सीधे बैंक खातों के जरिए छात्रवृत्ति दी जा रही है। कर्ज की व्यवस्था भी की गई है। मुस्लिम संगठन सवाल उठा रहे हैं कि जब हिंदू धोबी और नाई को आरक्षण का अधिकार है तो मुस्लिम धोबी ओर नाई को क्यों नहीं? आपका आरक्षण पर क्या रुख है?
मेरा पूरा जोर अल्पसंख्यकों में अपनी प्रतिभा के दम पर रोजगार हासिल करने की ताकत पैदा करने पर है। इसलिए मैं इस वर्ग की शिक्षा, रोजगार और माली हालत सुधारने पर ध्यान दे रही हूं। रहमानी सुपर 30 का उदाहरण लीजिए, इसके तहत 14 बच्चों ने यूपी.एस.सी. परीक्षा पास की है। फिर मैं खुद को आरक्षण या किसी अन्य पचड़े में नहीं डालना चाहती। ऐसा होने पर मंत्रालय अपने लक्ष्य से भटक जाएगा।