Edited By ,Updated: 25 May, 2015 11:39 PM
कश्मीर में भारत विरोधी नारे लगाने, पाकिस्तान का झंडा लहराने और देशद्रोह के मामले में जहां एक तरफ भारत की जनता कश्मीर के अलगाववादियों के विरोध में है वहीं 55 देशों के मुस्लमानों को लगता है कि अलगाववादी ही कश्मीर के सही और सच्चे प्रतिनिधि हैं।
जम्मू कश्मीर: कश्मीर में भारत विरोधी नारे लगाने, पाकिस्तान का झंडा लहराने और देशद्रोह के मामले में जहां एक तरफ भारत की जनता कश्मीर के अलगाववादियों के विरोध में है वहीं 55 देशों के मुस्लमानों को लगता है कि अलगाववादी ही कश्मीर के सही और सच्चे प्रतिनिधि हैं।
आग्रेनाइजेशन आफ इस्लामिक कान्फ्रेंस (ओआईसी) ने कुवैत में 55 इस्लामिक देशों के कान्फ्रेंस में भाग लेने के लिए जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को बुलाया है। इस संदर्भ में सेपेरटिस्टों को एक निमंत्रण पत्र मिला है जो ओआईसी के महासचिव इयाद अमीन द्वारा भेजा गया है। ओआईसी के विदेश मंत्रियों की 42वीं परिषद 27 से 28 मई को होनी है। इसमें अलगाववादी कश्मीर का प्रतिनिधित्व करेंगे।
मजेदार बात यह है कि एक तरफ गिलानी को पासपोर्ट नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ मीरवायज का पासपोर्ट तीन वर्ष पहले ही एक्सपायर हसे गया है ऐसे में कान्फ्रेंस में जाना मुमकिन नहीं लग रहा है। यहां तक बात ओआईसी की है तो उसका कहना है कि नई दिल्ली कश्मीर के लोगों को सेल्फ डिटरमिनेशन का अधिकार नहीं दे रही है जोकि गलत है।