Edited By ,Updated: 01 Jun, 2015 12:02 PM
गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित भव्य समारोह में दिल्ली के 'प्लास्टिक किंग' नाम से मशहूर बिजनसमैन भंवरलाल रघुनाथ दोषी अपना 600 करोड़ रुपए के एंपायर छोड़ते हुए जैन भिक्षु बन गए।
नई दिल्ली: गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित भव्य समारोह में दिल्ली के 'प्लास्टिक किंग' नाम से मशहूर बिजनसमैन भंवरलाल रघुनाथ दोषी अपना 600 करोड़ रुपए के एंपायर छोड़ते हुए जैन भिक्षु बन गए। दीक्षा से पहले अपनी करोड़ों की दौलत जनता को लुटाने के बाद रविवार सुबह हजारों मुमुक्षू व संतों की उपस्थिति में भंवरलाल ने संयम जहाज पर सवार होकर मोह व माया का त्याग किया। दो बेटों और एक बेटी के पिता दोषी 1982 से ही दीक्षा लेना चाहते थे। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वो ऐसा नहीं कर सके। पिछले साल उन्होंने संन्यास लेने का संकल्प लिया।
मगर वह पिछले साल ही अपने परिवार को इसके लिए मना पाए। अहमदाबाद एजुकेशन ग्राउंड को 'संयम जहाज' की तर्ज पर बनाया गया था। इसकी लागत 100 करोड़ रुपये थी। 1000 साधु-साध्वियों के अलावा यहां पर 1.5 लाख लोग आए थे। दोषी जैन आचार्य श्री गुणरत्न सुरीश्वरजी महाराज के 108वें शिष्य बने। दीक्षा से पहले भंवर लाल दोशी ने माया मोह त्यााग दिया। जैन संतों की उपस्थिति में उन्होंने बाल त्यागे। दीक्षा के मौके पर उनके हाथों पर मेहंदी सजी थी। इस मौके पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी भी मौजूद रहे।