Edited By ,Updated: 08 Jun, 2015 02:23 PM
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और मनोनीत विधायक एलविस स्टीफंसन की एक कथित बातचीत का आडियो टेप स्थानीय टीवी चैनलों पर प्रसारित होने से...
नई दिल्लीः जहां एक तरफ आंध्र प्रदेश सरकार ने सोमवार को सत्ता में अपना एक साल पूरा कर लिया है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू एक बड़े विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं।
एक ऑडियो टेप में सामने आया है कि सीएम नायडू कथित रूप से निर्वाचित विधायक एलविस स्टीफेनसन को तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में अपनी पार्टी तेलुगु देशम का समर्थन करने के लिए घूस देने की पेशकश कर रहे हैं। इस ऑडियो टेप ने "कैश फॉर वोट" विवाद में एक नया टिवस्ट ला दिया है। ऑडियो टेप में सुना गया है कि मुख्यमंत्री स्टीफेंसन से कह रहे हैं कि चुनाव के दौरान हमे समर्थन देने पर आपके सभी वादे पूरे किए जाएंगे।
आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ रची गई राजनीतिक साजिश
हालांकि सरकार के सलाहकार पराकाला प्रभाकर ने कहा कि आवाज मुख्यमंत्री की नहीं है और यह आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ रची गई राजनीतिक साजिश है। हम इसके खिलाफ संवैधानिक, कानूनी और राजनीतिक रूप से लडाई लडेंगे।
ऑडियो के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में एफआईआर दर्ज
इसी बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ ऑडियो के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में विशाखापट्टन के पुुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने टीडीपी और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को बदनाम करने के लिए ऑडियो टेप रिलीज किया है। बता दें कि एक स्थानीय चैनल ने एक ऑडियो टेप चलाया था। चैनल का दावा है कि पिछले रविवार को वोट के बदले नोट मामले में पकडे गए टीडीपी विधायक को पूरी तरह से पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का समर्थन हासिल था।
यह चैनल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के परिवार का बताया जाता है। पिछले रविवार को टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कराने के लिए एक मनोनीत विधायक को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकडा गया था। इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 50 लाख रुपए भी जब्त किए थे। एंटी करप्शन द्वारा जारी ऑडियो-वीडियो टेप में रेवंत रेड्डी बार-बार अपने बॉस के बारे में बात कर रहा है। उसने कई जगह पर चंद्रबाबू का नाम भी लिया है और उन्हें "बाबू गारू" नाम से पुकारा है।
बता दें कि रेवंत रेड्डी दो अन्य साथियों के साथ फिलहाल मंगलवार तक पुलिस हिरासत में हैं। उधर, टीडीपी ने तेलंगाना की के चंद्रशेखर राव सरकार पर गैर कानूनी तरीके से पडोसी राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के फोन टैप करने का आरोप लगाया है।