Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Aug, 2019 11:19 AM
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए के निष्प्रभावी होने के बाद सोशल मीडिया में जम्मू कश्मीर की महिलाओं के अधिकारों को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि 370 से पहले और बाद में किस तरह कश्मीर की महिलाओं की स्थिति बदलेगी।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए के निष्प्रभावी होने के बाद सोशल मीडिया में जम्मू कश्मीर की महिलाओं के अधिकारों को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि 370 से पहले और बाद में किस तरह कश्मीर की महिलाओं की स्थिति बदलेगी। साथ ही कश्मीर की लड़कियों को इसका कैसे फायदा मिलेगा।
नहीं लागू होंगे शरीयत कानून
अभी तक जम्मू-कश्मीर में महिलाएं सिर्फ शरीयत कानून के दायरे में आती थीं। शादी से लेकर तलाक तक सभी मामले भारतीय कानूनी व्यवस्था के जरिए सुलझाने की बजाय शरीयत के प्रावधानों से सुलझाए जाते थे। 370 के हटने से उन्हें भी आम भारतीय महिलाओं की तरह ही कानूनी अधिकार मिलेंगे।
भारतीय से शादी की तो भी नागरिकता बरकरार
अब तक जो व्यवस्था थी उसके तहत जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर कश्मीर के अलावा देश के किसी दूसरे राज्य में शादी करती थी तो उसकी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता ही खत्म हो जाती थी लेकिन अनुच्छेद 370 लागू न होने पर यह नियम पूरी तरह हट जाएगा। महिलाएं न सिर्फ पुरुषों की बराबरी में कानूनों का लाभ उठा सकेंगी बल्कि हमेशा राज्य की नागरिक भी बनी रहेंगी।
पाकिस्तानी को नहीं मिलेगी नागरिकता
जम्मू कश्मीर में एक नियम और रहा है। अगर कश्मीरी लड़की किसी पाकिस्तानी नागरिक से शादी कर ले तो उसे जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी। इस तरह पाकिस्तान के लोगों के लिए कश्मीरी नागरिक बनने का रास्ता खुला था। अब किसी भी हाल में पाकिस्तानी को यहां की नागरिकता नहीं मिल सकती।
पंचायत को मिलेंगे अधिकार
अब जम्मू-कश्मीर की पंचायत को अधिकार मिलने से न्याय व्यवस्था पंचायत स्तर पर सुधरेगी। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में काम करने वाले चपरासी को जिस तरह आज भी 2500 रुपए वेतन मिलता था अब वो वेतन केंद्र के वेतन नियमों के अनुसार सुधरेगा। अब यहां अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों को भी 16 फीसदी आरक्षण का प्रावधान मिल जाएगा।
तिरंगे के अपमान पर होगी सजा
अभी तक जम्मू-कश्मीर का झंडा अलग होता था। साथ ही यहां के लोगों के पास दोहरी नागरिकता होती थी। अनुच्छेद 370 के खत्म होने पर यहां भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीकों का अपमान अपराध होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश मान्य हो जाएंगे। सूचना का अधिकार और शिक्षा का अधिकार भी कश्मीरियों को मिल पाएगा।