Edited By ,Updated: 20 Jul, 2015 08:22 PM
रेलवे में जीआरपी पुलिस की कार्यशैली किसी से छिपी नहीं है। उसके सिपाही अक्सर लोकल ट्रेनों में आम यात्रियों को परेशान करते दिख जाते हैं।
लखनऊ: रेलवे में जीआरपी पुलिस की कार्यशैली किसी से छिपी नहीं है। उसके सिपाही अक्सर लोकल ट्रेनों में आम यात्रियों को परेशान करते दिख जाते हैं। लेकिन शाहजहांपुर में तो उसने बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं। कुछ दिन पहले ही जीआरपी ने कुछ मोबाइल चोरों को पकड़ा था। उनसे पूछताछ में एक चोर ने रेलवे स्टेशन के पास ही चाट का ठेला लगाने वाले संतोष मिश्रा का नाम ले लिया कि वो भी हमारे काम में मदद करते हैं।
बस फिर क्या था मामले की पूरी जांच-पड़ताल किए बिना ही जीआरपी के सिपाही संतोष को थाने उठा लाए और जमकर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। इतना ही प्लास से उनके नाखून खींचे और प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाल दिया। जेल में उसको इतना मारा गया है कि पीड़ित संतोष अब ठीक से चल फिर भी नहीं पा रहे हैं। यही नहीं बिना किसी सबूत के पकड़ कर लाई जीआरपी पुलिस ने उसको छोडऩे की एवज में रुपये भी ऐंठ लिए। संतोष की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उसने जेवर बेच कर 50 हजार रुपये जीआरपी थाने में दिए हैं। तब जाकर उसके पति को छोड़ा गया है। पीड़ित की मांग है कि मामले की जांच कराकर उसके साथ किए अत्याचार की सजा मिलनी चाहिए।