Edited By ,Updated: 26 Jul, 2015 07:09 PM
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की आेर से किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि ‘सिर और...
कोटा : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की आेर से किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि ‘सिर और गर्दन का कैंसर’ उन कैंसरों में शामिल है जिनसे भारतीय पुरुष सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं और यह महिलाओं में भी तीसरी सबसे सामान्य रूप से पाई जाने वाली बीमारी है। ‘सिर और गर्दन का कैंसर’ या हेड नेक स्क्वामॉस सेल कार्सिनोमा (एचएनएससी) की शुरुआत आम तौर पर स्क्वामॉस कोशिकाओं से होती है जो सिर और गर्दन (उदाहरण के तौर पर मुंह, नाक और गले के भीतर) के भीतर नम, झिल्ली की सतहों पर बैठ जाती है।
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि मुह का कैंसर सभी एचएनएससी कैंसरों में सबसे सामान्य है। करीब 50 फीसदी प्रभावित लोग इलाज के 12 महीने के भीतर मर जाते हैं। लोगों को अपनी चपेट में लेने के मामले में मुख के कैंसर के बाद गले का कैंसर है ।