जेठमलानी ने अलगाववादियों पर कार्रवाई के लिए सरकार की आलोचना की

Edited By ,Updated: 24 Aug, 2015 01:35 AM

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भाजपा के पूर्व नेता और प्रतिष्ठित वकील राम जेठमलानी ने पाकिस्तान उच्चायोग के प्रस्तावित स्वागत समारोह में हिस्सा लेने से हुर्रियत नेताओं को रोकने के लिए आज सरकार की आलोचना की।

नई दिल्ली: भाजपा के पूर्व नेता और प्रतिष्ठित वकील राम जेठमलानी ने पाकिस्तान उच्चायोग के प्रस्तावित स्वागत समारोह में हिस्सा लेने से हुर्रियत नेताओं को रोकने के लिए आज सरकार की आलोचना की। इसकी वजह से दोनों देशों के बीच एनएसए स्तर की वार्ता को आखिरकार रद्द करना पड़ा।  

जेठमलानी ने हुर्रियत नेताओं को अलगाववादी बताए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह ‘‘मंत्रिमंडल, सरकार, पार्टियों के निरक्षर लोगों’’ की ‘‘गंभीर नासमझी’’ और ‘‘अनभिज्ञता’’ को दर्शाता है। जेठमलानी ने 2002 में कश्मीर पर वार्ताकार की भूमिका निभाने के लिए एक समिति का गठन किया था।  
 
जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने जीवन की ‘‘सबसे बड़ी निराशाओं में से एक’’ बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान के उच्चायुक्त द्वारा दिए गए प्रस्तावित स्वागत समारोह में पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज से हुर्रियत नेताओं को मिलने से रोकने की सरकार की उत्सुकता की आलोचना की।   
 
संवाददाताओं से यहां बातचीत में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त यहां ‘‘एक संप्रभु सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं और कैसे आप उन्हें लोगों से मिलने से रोक सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई देश को काफी बदनाम करती है।  उन्होंने कहा, ‘‘वे न तो अंतरराष्ट्रीय कानून को जानते हैं। हमारे नेता मैं सभी नेताओं के बारे में बोल रहा हूं, कांग्रेस में ज्यादा हैं। मोदी साहब इन दिनों नहीं बोलते हैं। वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी निराशाओं में से एक हैं। उन्हें बोलना चाहिए।’’ 
 

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