Edited By ,Updated: 28 Sep, 2015 02:12 PM
सोशल मीडिया पर ‘ब्लड सुपर मून’ की हैरत कर देने वाली तस्वीरें इन दिनों खूब वायरल हो रही है। दुनिया भर में उस समय आकाश में दुर्लभ खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा जब ‘ब्लड सुपर मून’ के साथ-साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ेगा
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर ‘ब्लड सुपर मून’ की हैरत कर देने वाली तस्वीरें इन दिनों खूब वायरल हो रही है। दुनिया भर में आकाश में दुर्लभ खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा जब ‘ब्लड सुपर मून’ के साथ-साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण भी पड़ेगा।
प्राचीन किंवदंती के मुताबिक इस ‘सुपर ब्लड मून’ को संभावित प्रलय का अशुभ संकेत माना जाता है। इससे पहले ‘सुपर मून’ के साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण 33 वर्ष पूर्व पड़ा था और पिछले 115 साल में ऐसा मात्र पांच बार हुआ है।
नासा के वैज्ञानिक नोआह पेट्रो ने बताया,'चंद्रमा की कक्षा पूरी तरह गोल नहीं है, इसलिए चंद्रमा कभी कभी अपनी कक्षा में चक्कर लगाते समय अपेक्षाकृत पृथ्वी के अधिक नजदीक होता है।' उन्होंने कहा कि चंद्रमा के आकार में कोई बदलाव नहीं होता है। यह केवल आकाश में थोड़ा बड़ा दिखाई देता है।
नासा ने कहा कि यह सामान्य से 14 प्रतिशत बड़ा दिखाई देता है। इस बार सुपरमून के साथ साथ पूर्ण चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। ‘सुपर ब्लड मून’ केवल तभी देखने को मिलता है जब चंद्र ग्रहण हो और जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के निकटतम बिंदु पर हो। चंद्रमा जैसे ही पृथ्वी के ठीक पीछे इसकी छाया में आ जाता है तो उसका रंग गहरा लाल हो जाता है।
उसकी वजह यह है कि चंद्रमा तक केवल पृथ्वी के वायुमंडल से अपवर्तित होकर ही सूर्य की रोशनी पहुंच पाती हैं। लेकिन सूपर मून का नजारा भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा। नासा ने बताया कि पूर्ण चंद्र ग्रहण को उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और पश्चिम एशिया तथा पूर्वी प्रशांत के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।