अरुण जेटली जाते-जाते बना गए तमाम नेताओं का राजनीतिक करियर

Edited By Yaspal,Updated: 24 Aug, 2019 06:35 PM

arun jaitley made political career by moving around

निर्मला सीतारमण खुद इसकी गवाह हैं। वह आज केंद्रीय वित्तमंत्री हैं तो इसमें दिवंगत नेता अरुण जेटली का बड़ा योगदान है। सीतारमण को रक्षा मंत्री बनवाने में भी जेटली की अहम भूमिका थी। इतना ही नहीं 2014 में मोदी सरकार की कैबिनेट में निर्मला...

नेशनल डेस्कः निर्मला सीतारमण खुद इसकी गवाह हैं। वह आज केंद्रीय वित्तमंत्री हैं तो इसमें दिवंगत नेता अरुण जेटली का बड़ा योगदान है। सीतारमण को रक्षा मंत्री बनवाने में भी जेटली की अहम भूमिका थी। इतना ही नहीं 2014 में मोदी सरकार की कैबिनेट में निर्मला सीतारमण को जगह मिली तो इसके पीछे अरुण जेटली की भूमिका बताई जाती है। ऊर्जा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार से पीयूष गोयल को देश का रेल मंत्री बनाने में अरुण जेटली का योगदान माना जाता है।
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यूपी सरकार में कैबिनेट में मंत्री श्रीकांत शर्मा जेटली को अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं। राष्ट्रपति भवन में एक शपथ ग्रहण समारोह याद रहेगा। मोदी सरकार-1 का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह था। वर्तमान शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बाद में वित्त राज्य मंत्री बने शिव प्रताप शुक्ल का अलग से जेटली से मिलना दिल को छू गया था। इसी शपथ ग्रहण समारोह के बाद निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय का प्रभार मिला था। मोदी सरकार-1 का यह निर्णय राजनीति में सबको चौंका गया था।
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दिल्ली के विधायक ओपी शर्मा का पूरा जीवन अरुण जेटली के कार्यालय में बीत गया। लेकिन जब जेटली ककी दृष्टि शर्मा के राजनीतिक कैरियर पर आई तो वह दिल्ली के विधायक हो गए। मीनाक्षी लेखी दूसरी बार दिल्ली की सांसद बनी हैं। कहते हैं इस सफर में भी जेटली का बड़ा योगदान है। यह कुछ बस चंद उदाहरण हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को राजग और कांग्रेस से अलग करके भाजपा के खेमे में लाने वाले भी अरुण जेटली ही माने जाते हैं।
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अरुण जेटली का दिल दिल्ली के दिल में धड़कता था। युवा नेताओं के पंख देखकर उनके राजनीति की उड़ान का अंदाजा लगाने में जेटली को देर नहीं लगती थी। भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय और दिल्ली के प्रदेश कार्यालय में तमाम ऐसे युवा चेहरे हैं जो जेटली की छत्रछाया में पौधे से पेड़ बनने की ओर हैं। दरअसल जेटली का छात्र जीवन से राजनीति में रुझान था। 
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केन्द्र सरकार में केंद्रीय मंत्री बन जाने के बाद भी अरुण जेटली का दिल दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम से लेकर वीरेन्द्र सहवाग, विराट कोहली जैसे क्रिकेटरों की उमंग के साथ जुड़ता था। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के हर चुनाव में काफी दिलचस्पी लेते थे। छात्र नेताओं के संपर्क में रहना, उन्हें ट्रेंड करना, उनकी मदद करना जेटली का शगल था। इतना ही नहीं भाजपा के तमाम प्रवक्ताओं को सीख देने में भी जेटली को आनंद आता था। 

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