Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 11:24 AM
दिल्ली में अपनी बातों को घर-घर पहुंचाने के मकसद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनसंवाद का नया मॉडल अपनाया है। वे निजी तौर पर परिवार के मुखिया को चिट्ठी लिखकर संपर्क कर रहे हैं। इसके लिए सीएम दफ्तर ने बाकायदा एक टीम को जिम्मेदारी सौंपी है। यह टीम...
नई दिल्ली: दिल्ली में अपनी बातों को घर-घर पहुंचाने के मकसद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनसंवाद का नया मॉडल अपनाया है। वे निजी तौर पर परिवार के मुखिया को चिट्ठी लिखकर संपर्क कर रहे हैं। इसके लिए सीएम दफ्तर ने बाकायदा एक टीम को जिम्मेदारी सौंपी है। यह टीम सीएम के पास पहुंचने वाली शिकायतों और परेशानियों का अध्ययन कर रही है। इसके बाद शिकायत का निवारण भी किया जा रहा है, जिसकी जानकारी निजी तौर पर मुख्यमंत्री अपने पत्र के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को दे रहे हैं। चिट्ठी में सीएम केजरीवाल के हस्ताक्षर भी हैं। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता जनता से मोबाइल, एसएमएस, ई-मेल, वाट्सएप, ट्विटर व फेसबुक आदि से संपर्क करते रहे हैं।
आपज नेता का मानना है कि पत्र का प्रभाव अन्य संचार माध्यमों से बेहतर समझा जाता है। इससे चिट्ठी पाने वाले के मन में अरविंद केजरीवाल के प्रति खास लगाव भी पैदा होगा। जानकारी के मुताबिक, सीएम ने तीन चरणों में संपर्क कार्यक्रम की शुरुआत की है। सबसे पहले वे ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत स्कूलों में दाखिला पाने वाले बच्चों के अभिभावकों से पूछ रहे हैं कि उन्हें किसी तरह की दिक्कतें तो नहीं हुई। इस तरह करीब 31 हजार अभिभावकों को पत्र भेजा गया है।
दूसरे चरण में पेंशन लाभाॢथयों को चिट्ठी भेजी गई है। बुजुर्गों को केजरीवाल ने लिखा कि दिल्ली सरकार अपने वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनधारकों का सम्मान करती है। उनकी काफी समस्याएं थीं। उन पर ढेरों काम हुए हैं। केजरीवाल ने यह भी लिखा कि मुझे अपना बेटा समझना। कोई परेशानी हो, तुरंत मुझे याद करना। तीसरे चरण में वजीफा पाने वाले करीब 10 लाख छात्रों से संपर्क किया जाएगा। ये तीनों चरण इस साल के अंत तक पूरे हो जाएंगे। बता दें कि दिल्ली नगर निगम, पंजाब व गोवा चुनाव में संतोषजनक परिणाम नहीं मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल सिर्फ दिल्ली पर फोकस कर रहे हैं।