अरविंदर सिंह लवली ने इसलिए भाजपा को कहा 'बाय-बाय'

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 11:57 AM

arvinder singh lovely said to the bjp bye bye

दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली की शनिवार को कांग्रेस में वापसी हो गई। कुछ माह पहले पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए लवली ने कहा कि वहां वह ‘‘वैचारिक रूप से बेमेल’’ थे। वहीं लवली के कांग्रेस वापिस पर सवाल खड़े हुए कि आखिर क्यों...

नई दिल्लीः दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली की शनिवार को कांग्रेस में वापसी हो गई। कुछ माह पहले पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए लवली ने कहा कि वहां वह ‘‘वैचारिक रूप से बेमेल’’ थे। वहीं लवली के कांग्रेस वापिस पर सवाल खड़े हुए कि आखिर क्यों वे भाजपा में फिट नहीं हो पाए। हालांकि लवली भाजपा के लिए 'ट्रंप कार्ड' साबित हो सकते लेकिन पार्टी के ही लोग उन्हें अपना नहीं पाए और आखिरकार लवली ने भाजपा छोड़ना ही सही समझा। दिल्ली भाजपा के कुछ नेता और पदाधिकारी लगातार लवली को यह जता रहे थे कि वे बाहरी है। वहीं जब से लवली भाजपा में आए थे उनको कोई काम नहीं सौंपा गया था। हालांकि वे भाजपा की हर अहम बैठक में मौजूद जरूर होते थे लेकिन उसमें भी उनको खास तरजीह नहीं दी जाती थी। हाल ही में उनके साथ ऐसे वाकया हुआ जिससे उन्हें अनुभव हुआ कि भाजपा छोड़ना ही उनके लिए एक विकल्प है।
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इसलिए भाजपा को कहा बाय-बाय
सूत्रों के मुताबिक, पिछले हफ्ते भाजपा की एक मीटिंग हुई थी। भाजपा दिल्ली सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन की योजना बना रही थी। लवली को भी मीटिंग में बुलाया गया। उन्हें बताया गया कि भाजपा  दिल्ली सरकार की नाकामियों का एक 'श्वेत पत्र' जारी करेगी जिसको तैयार करने में उनका भी सहयोग चाहिए। मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष मनोज तिवारी के अलावा कई बड़े नेताओं ने भी शामिल होना था। लवली जब भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो वहां सिर्फ दो महामंत्री और संगठन मंत्री के अलावा कोई नहीं था। यहा तक की प्रदेश अध्यक्ष को तो इस अहम मीटिंग की जानकारी तक नहीं थी। लवली को इस पर धक्का लगा लेकिन उससे भी ज्यादा उन्हें इस बात ने झकझोरा कि उन्हें दो महामंत्रियों के साथ चर्चा के लिए छोड़कर बाकि सभी चले गए। लवली के कद तक को नेताओं ने नहीं पहचाना। इस बात से आहत होकर लवली ने भाजपा को बाय-बाय कह दिया।

हालांकि भाजपा नेता इस कारण को बेतुका बता रहे हैं। भाजपा नेताओं के मुताबिक यह इतना बड़ा इश्यू नहीं था कि पार्टी छोड़ने की नौबत आ जाए। बहरहाल बात जो भी हो कांग्रेस अपने पुराने साथी को वापिस पाकर खुश है। लवली को शीला दीक्षित का करीबी माना जाता है और माकन से मतभेद के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ी थी। लवली की घर वापिसी पर शीला ने खुशी जताई और कहा कि पार्टी में फिर से आने पर उनका स्वागत।

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