Edited By vasudha,Updated: 18 May, 2019 12:40 PM
आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लीनचिट देने पर चुनाव आयोग में फूट पड़ गई है। इस फैसले पर सवाल उठाने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अब अपना विरोध खुलकर जाहिर कर दिया है...
नेशनल डेस्क: चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार क्लीन चिट दिए जाने से नाराजगी जताते हुए आयोग की बैठकों में भाग लेने से मना कर दिया है। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार लवासा का कहना है कि मोदी को आदर्श चुनाव आचार संहिता के मामले में क्लीन चिट दिए जाने का फैसला लिए जाते समय उन्होंने इस पर असहमति व्यक्त की, लेकिन उनकी आपत्तियों को रिकाडर् नहीं किया गया तो आयोग की बैठकों में भाग लेने का कोई औचित्य नहीं है।
दूसरी तरफ आयोग ने लवासा के इस रुख की अभी तक पुष्टि नहीं की है और न ही खंडन किया है। गत दिनों अखबारों में यह खबर आई थी कि मोदी को क्लीन चिट दिए जाने पर लवासा ने आपत्ति की थी और उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को इस बारे में पत्र भी लिखा था। गौरतलब है कि मोदी को आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के छह मामलों ने क्लीन चिट दी गई है जबकि कई अन्य मामले लंबित है।
कांग्रेस का कहना है कि पीएम के खिलाफ 11 मामलों में शिकायत दर्ज कराई गई है। आयोग ने मोदी को किसी मामले में न तो नोटिस जारी किया न उन शिकायतों को अपनी वेबसाइट पर डाला। इसके अलावा क्लीन चिट के बारे में कोई आदेश भी जारी नहीं किया और न ही उसे वेबसाइट पर अपलोड किया ,जबकि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों से जुड़े अन्य सारे आदेश अपलोड किए गए हैं।
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार लवासा का पत्र पाकर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने उनसे मुलाकात की थी लेकिन लवासा अब तक असंतुष्ट बताए जाते है और इसलिए उन्होंने आयोग की बैठक में शामिल न होने का मन बनाया है।