Edited By Anil dev,Updated: 14 Sep, 2019 12:47 PM
असम (Assam) में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की फाइनल लिस्ट (Final List) 31 अगस्त को प्रकाशित की गई थी। इस लिस्ट में 19,06,657 लोगों को बाहर रखा गया था। वहीं, 3,11,21,004 लोगों के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं।
नई दिल्ली: असम (Assam) में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की फाइनल लिस्ट (Final List) 31 अगस्त को प्रकाशित की गई थी। इस लिस्ट में 19,06,657 लोगों को बाहर रखा गया था। वहीं, 3,11,21,004 लोगों के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। आज यानी शनिवार को एनआरसी की फाइनल लिस्ट ऑनलाइन जारी कर दी गई है। अब आप अपना नाम ऑनलाइन भी देख सकते हैं। जिन लोगों का नाम NRC लिस्ट में नहीं है उनको सरकार ने 10 महीने का समय दिया है। वो अपनी नागरिकता इस 10 महीने में साबित कर सकते हैं। बता दें कि 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित ड्राफ्ट में 2.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे।
असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) की अंतिम सूची 31 अगस्त को सरकार (Assam Government) ने जारी कर दी, जिसमें राज्य के लगभग 19 लाख से ज्यादा लोगों को शामिल नहीं किया गया है। सरकार का मानना है कि जिन लोगों के नाम नागरिक पंजीकरण रजिस्टर से बाहर हैं वह विदेशी नागरिक हैं, और वह अगर अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाते तो उन्हें वापस उनके देश भेजा जाएग। इसके बाद असम के लोग घबराए हुए हैं। और वह इस चिंता में हैं कि अब आगे क्या होगा? क्या सरकार उन्हें गिरफ्तार कर लेगी या फिर इसके अलावा भी उनके पास कोई विकल्प बचा है?
क्या है लोगों के पास विकल्प
दरअसल सरकार ने कहा है कि जिन लोगों का नाम लिस्ट में शामिल नहीं है, उनके पास अभी 120 दिनों का समय है। इससे पहले यह लोग अपनी नागरिकता साबित कर सकते हैं। लोगों के पास फॉरेन ट्रायब्यूनल जाने का मौका है,और वह दस्तावेजों के माध्यम से अपनी नागरिकता साबित कर सकते हैं। इसके बाद भी उनको न्याय नहीं मिलता है तो लोग हाईकोर्ट (high court) और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) भी जा सकते हैं, जहां उनको न्याय मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने मदद का दिया आश्वासन
फिल्हाल राज्य सरकार ने लोगों को आश्वासन दिया है कि जिन लोगों का नाम लिस्ट में नहीं आया है उनकी पूरी मदद की जाएगी। इसके अलावा ऐसे लोगों के पास अगले 120 दिनों तक ट्रिब्यूनल जा सकते हैं। और अगर वह वहां भी हार जाते हैं तो उसके पास हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने का भी अधिकार है।