अजब- गजब: असम में चिकन और पोर्क से ज्यादा लोकप्रिय है चूहे का मांस

Edited By Anil dev,Updated: 28 Dec, 2018 11:25 AM

assam rat chicken guwahati farmers

असम के बक्सा जिले के एक साप्ताहिक ग्रामीण बाजार में चूहे का मांस चिकन और सूअर के मांस (पोर्क) से ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। मसालों की ग्रेवी के साथ बनाए जाने वाले इस व्यंजन को रविवार का स्वादिष्ट व्यंजन बताया जाता है। विक्रेताओं का कहना है कि यह...

कुमारिकता: असम के बक्सा जिले के एक साप्ताहिक ग्रामीण बाजार में चूहे का मांस चिकन और सूअर के मांस (पोर्क) से ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है। मसालों की ग्रेवी के साथ बनाए जाने वाले इस व्यंजन को रविवार का स्वादिष्ट व्यंजन बताया जाता है। विक्रेताओं का कहना है कि यह व्यंजन उत्तर-पूर्वी इलाकों की कुछ जनजातियों का पारंपरिक व्यंजन है जो ब्रॉयलर चिकन की ही तरह 200 रुपए प्रति किलो बेचा जाता है। 

काफी संख्या में लोग आते हैं चूहे का मांस खरीदने 
गुवाहाटी से 90 किलोमीटर दूर भारत-भूटान सीमा से लगे कुमारिकता के रविवार बाजार में लोग काफी संख्या में अपना पसंदीदा चूहे का मांस खरीदने के लिए आते हैं।  चूहे बेचने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि पड़ोसी नलबाड़ी और बारपेटा जिले मांस का मुख्य स्रोत हैं। स्थानीय किसान फसलों की कटाई के दौरान रात के समय बांस के बने चूहेदान में इन चूहों को कैद कर लेते हैं। एक चूहे का वजन एक किलो से ज्यादा होता है। 

चूहों का किया जाता है शिकार
चूहों को पकडऩे से किसान अपनी फसल को खराब होने से भी बचा लेते हैं। किसानों का दावा है कि चूहे पकडऩे से हाल ही के दिनों में उनकी फसल को होने वाले नुक्सान में कमी आई है। चूहों को पकडऩे का तरीका बताते हुए एक विक्रेता ने कहा कि रात के समय जब वह अपने बिल के पास आते हैं तब उनका शिकार किया जाता है। इस दौरान वह बिल के नजदीक लगाए गए चूहेदान में फंस जाते हैं। चूहे का मांस बेचने का काम अक्सर आॢथक रूप से कमजोर समुदायों के लोग करते हैं, उनके लिए चाय बागान में काम करने के अलावा यह आमदनी का एक और जरिया है।  

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!