Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 23 Aug, 2019 05:23 PM
असम में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 31 अगस्त को एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) की सूची प्रकाशित की जानी है। बीजेपी ने भी एनआरसी में गलत नाम जोड़े और हटाए जाने को लेकर समीक्षा की बात की है। इसी दौरान असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बयान...
असम: असम में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 31 अगस्त को एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) की सूची प्रकाशित की जानी है। बीजेपी ने भी एनआरसी में गलत नाम जोड़े और हटाए जाने को लेकर समीक्षा की बात की है। इसी दौरान असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बयान जारी कर लोगों से न घबराने की बात कही है। बता दें कि एनआरसी ड्राफ्ट में करीब 41 लोगों के नाम शामिल नहीं है। हालांकि 31 अगस्त को प्रकाशित होने वाली सूची में जिन लोगों के नाम नहीं होंगे उन्हें तय प्रक्रिया के तहत 120 दिनों के भीतर दोबारा अपील करने का मौका दिया जाएगा। पहले यह अवधि 60 दिन थी।
गुरुवार को एक कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि एनआरसी बिना किसी खामी के प्रकाशित हो। हम शीर्ष अदालत का पूरा सम्मान करते हैं”। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं वर्ष 2013 से NRC में सुधार की निगरानी कर रहा है। मुझे यकीन है कि प्रदेश के लोग अंतिम NRC के प्रकाशन के बाद भी उसी तरह सहयोग देते रहेंगे और अंतिम NRC के प्रकाशन के बाद भी सभी समुदायों के बीच एकता, भाईचारा और शांति इसी तरह बनी रहेगी।