BJP को ले डूबेगा वसुंधरा का भ्रष्टाचार

Edited By Anil dev,Updated: 08 Dec, 2018 11:46 PM

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राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि वह स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस के दो प्रमुख चेहरे मुख्यमंत्री की कुर्सी के काफी करीब हैं। इनमें से एक कांग्रेस के राजस्थान...

नई दिल्ली: राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि वह स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस के दो प्रमुख चेहरे मुख्यमंत्री की कुर्सी के काफी करीब हैं। इनमें से एक कांग्रेस के राजस्थान अध्यक्ष सचिन पायलट हैं। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े सचिन को पार्टी ने जयपुर के पास स्थित टोंक जिले से प्रत्याशी बनाया। सचिन ने कहा टोंक जिले का चेहरा बदलने का इरादा लेकर वह चुनावी मैदान में कूदे। इसके साथ इस जिले को रेल सेवा से जोडऩा उनका पहला लक्ष्य है। पायलट ने नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी के लिए सुनील पाण्डेय से खास बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश:

आपने चुनाव लडऩे के लिए टोंक विधानसभा क्षेत्र ही क्यों चुना? 
यह कांग्रेस पार्टी का फैसला है। टोंक जिला मूलभूत सुविधाओं के मामले में बहुत पिछड़ा हुआ है। विकास कार्य हुए ही नहीं हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ऐतिहासिक जिला आज भी रेलवे से अछूता है। लिहाजा, विकास कार्यों के साथ रेलवे को टोंक तक लाना पहली प्राथमिकता होगी। पानी, सड़क आदि के कार्य भी प्रमुखता से कराने हैं। चूंकि, टोंक अजमेर से सटा हुआ है और हमने अजमेर लोकसभा क्षेत्र में काफी विकास कार्य किए थे। उसको देखते हुए हुए संभवत: मुझे टोंक से चुनाव लडऩे की जिम्मेदारी दी गई। 

आपको कितनी सीटें राजस्थान में मिलेंगी? 
कांग्रेस प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी। साथ ही सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी 50 का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी। भाजपा सरकार ने पांच साल तक प्रदेश में कुछ नहीं किया। यही कारण है कि लोग भाजपा सरकार के कुशासन से परेशान हो गए। हमारी ग्रामीण और शहरी दोनों रैलियों में सभी तरह के लोग शामिल हुए। नतीजों में इसका असर दिखाई दिया।

प्रदेश में संगठन जमीनी स्तर पर कितना मजबूत है?  
मैं जब से प्रदेश का अध्यक्ष बना हूं। जमीनी मजबूती के लिए बहुत काम किए हैं। पूरा संगठन फिर से खड़ा किया है। गांव से लेकर बूथ स्तर पर लोगों की टुकड़ी बनाई और सिस्टम खड़ा किया। उस वक्त विधानसभा की 2 दर्जन सीटें थी। लेकिन, कड़ी मेहनत और संगठन की मजबूती से इस बार नतीजे बहुत अच्छे आएंगे। 

वर्तमान में युवा पीढ़ी के हाथ में कांग्रेस है, इसका कितना लाभ हुआ?  
कांग्रेस पार्टी संगठन में युवाओं को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। इसका असर विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला। चुनाव में करीब 40 सीटों पर 40 की उम्र के आसपास वाले प्रत्याशी बनाए गए। 

पार्टी सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह कांग्रेस पार्टी तय करेगी। हमारा काम तो मिलकर चुनाव लडऩा और लड़ाना है। हमारी पहली लड़ाई प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने की है। सीएम तो विधायक दल की मीटिंग में तय हो जाएगा।

आपके खिलाफ भाजपा ने इकलौते मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है? 
टोंक की जनता भाजपा प्रत्याशी यूनुस खान से बेहद नाराज है। भाजपा ने जिस उम्मीद से सरकार के नंबर टू मंत्री यूनुस खान को टोंक में उतारा, वह अधूरी रह जाएगी। भाजपा ने ध्रुवीकरण के लिए पासा फेंका था, लेकिन वह चला नहीं। खान ने मंत्री रहते हुए सबसे ज्यादा टोंक की ही उपेक्षा की। इसलिए भाजपा टोंक में जीत नहीं पाएगी। 

सीएम वसुंधरा राजे कहती हैं, उन्होंने बहुत सारे अच्छे कार्य किए?
वसुंधरा राजे हर मोर्चे पर विफल रही हैं। बड़े वादे करके उन्होंने सरकार बनाई थी। लेकिन, शुरुआत से ही उनका प्रदर्शन खराब रहा। तभी तो उसके बाद निकाय आदि के जो भी चुनाव हुए उसमें उनको हार का सामना करना पड़ा। 

कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कई अहम वादे किए हैं, कैसे पूरा करेंगे?
कांग्रेस पार्टी ने घोषणा पत्र में यह वादा नहीं किया कि किसी के बैंक अकाउंट में पैसे दिए जाएंगे। हम हर लड़की को मुफ्त में पढ़ाई की सुविधा देंगे फिर चाहे वह कितना भी पढऩा चाहे। शिक्षा कोई खर्च नहीं है, यह एक निवेश है। अगर सरकारी या फिर प्राइवेट कर्मचारियों को पेंशन मिल सकती है तो फिर बुजुर्ग किसानों को पेंशन क्यों नहीं मिल सकती। जो किया जा सकता है, वही वादा हमने किया है। सरकार बनने के बाद किसानों की कर्ज माफी प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी।

भाजपा ने मोदी, शाह सहित पूरी सरकार को मैदान में उतारा,नतीजों में इसका असर दिखेगा?
भाजपा तो सिर्फ बात करती रही। चुनाव के आखिरी समय में भाजपा के सारे नेता राजस्थान पहुंचे। ये नेता पांच साल कहां थे, जब प्रदेश में किसान और बेरोजगार आत्महत्या कर रहे थे। युवा दर-दर की ठोकरें खा रहा था तब मोदी, शाह और दूसरे केन्द्रीय मंत्री कहां थे। वसुंधरा के राज में राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया। यह भ्रष्टाचार ही भाजपा को ले डूबेगा। हार तय है, पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह तो हार के अंतर को कम करने के लिए प्रचार में लगे रहे। 

भारत माता की जय बोलने पर किसी का पेटेंट नहीं
भाजपा आरोप लगा रही है कि कांग्रेस भारत माता के नारे नहीं लगने दे रही है? 
जिस पार्टी के नेता भ्रष्टाचार के पोषक हों, वे सच्चे देश भक्त कैसे हो सकते हैं। नारे तो भारत माता की जय के लगाए जा रहे हैं और मदद उद्योगपतियों की किए जा रहे हैं। किसानों, बेरोजगारों को पूछने वाला कोई नहीं है। ये दोहरी बात कैसे चलेगी। भारत माता की जय बोलने पर किसी पार्टी विशेष का पेटेंट नहीं है। किसी एक दल का अधिकार नहीं है। 
 

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