Assembly Election : जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में होंगे चुनाव, हरियाणा की तारीख भी आई सामने

Edited By Rahul Singh,Updated: 16 Aug, 2024 03:41 PM

assembly elections will be held in 3 phases in jammu and kashmir

भारत निर्वाचन आयोग आज (शुक्रवार) को विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हुई। जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में चुनाव होंगे। यहां पहले चरण के 18 सितंबर, दूसरे चरण के 25 को और 1 अक्तूबर को आखिरी चरण की वोटिंग होगी, जबकि 4 अक्तूबर को गिनती होगी।

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग आज (शुक्रवार) को विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा हुई। जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में चुनाव होंगे। यहां पहले चरण के 18 सितंबर, दूसरे चरण के 25 को और 1 अक्तूबर को आखिरी चरण की वोटिंग होगी, जबकि 4 अक्तूबर को गिनती होगी। 

हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान भी हुआ। हरियाणा की सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा। सभी 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान होगा और चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को मतगणना के बाद आएंगे।मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें 74 जनरल, 9ST, और 7 SC रिजर्व सीट हैं। कुल 87.09 लाख वोटर हैं, जिसमें 44.46 लाख पुरुष, 44.62 लाख महिलाएं और 169 ट्रांसजेंडर हैं। मतदाताओं में 82,590 दिव्यांगजन, 73,943 वरिष्ठ नागरिक, 2,660 शतायु वृद्ध और 76,092 सेवा मतदाता हैं। उन्होंने कहा, 3.71 लाख फर्स्ट टाइम वोटर हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर की अवाम तस्वीर बदलना चाहती है। चुनाव के लिए हर किसी में उत्सुकता है। टीम ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा का दौरा भी किया था। हम मौसम ठीक होने के इंतजार में थे।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 2018 में सरकार भंग होने के बाद से चुनाव नहीं हुए हैं। पिछली बार यहां 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने गठबंधन बनाया था। हालांकि, भाजपा ने बाद में इस गठबंधन से दूरी बना ली, और 2018 में सरकार गिर गई।

हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है। पिछले चुनाव 2019 में हुए थे, जब भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने मिलकर सरकार बनाई थी। इस साल मार्च में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन टूट गया था। आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, चुनाव आयोग द्वारा घोषित तारीखों से राजनीतिक दलों और मतदाताओं को आगामी चुनावी गतिविधियों की योजना का पता चलेगा।

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जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 10 साल के अंतराल के बाद होने जा रहे हैं। इससे पहले आखिरी बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। इस दौरान, जम्मू-कश्मीर की राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।

2014 के चुनाव परिणाम:

2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर की 87 सीटों में से:

पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) ने 28 सीटें जीती थीं।
बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ने 25 सीटें प्राप्त की थीं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 सीटें जीती थीं।
कांग्रेस ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
इन चुनाव परिणामों के आधार पर, बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई, और मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

लागू हुई आचार संहिता

भारत में चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct, MCC) वह दस्तावेज़ है जिसे चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए जारी किया जाता है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। इस आचार संहिता का पालन करना सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकार के लिए अनिवार्य है।

राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए नियम
1. भाषण और बयानबाज़ी: राजनीतिक दल और उम्मीदवार व्यक्तिगत आलोचना से बचें और किसी भी व्यक्ति की निजी ज़िंदगी पर टिप्पणी न करें। धर्म, जाति, भाषा, या समुदाय के आधार पर वोट मांगना भी मना है।
2. धन और उपहारों का वितरण: किसी भी प्रकार के धन, उपहार, शराब, या अन्य वस्तुओं का वितरण मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा सकता।
3. प्रचार गतिविधियाँ: प्रचार करते समय किसी भी धार्मिक स्थल, सरकारी भवनों, या शैक्षिक संस्थानों का उपयोग नहीं किया जा सकता।
4. मतदान केंद्रों के पास प्रचार: मतदान के दिन और 48 घंटे पहले, किसी भी प्रकार का प्रचार मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में मना है।
5. झूठे वादे: ऐसे वादे जो अव्यवहारिक या असंभव हैं, नहीं किए जाने चाहिए।

सरकार और सरकारी अधिकारियों के लिए नियम
1. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद, सरकार किसी भी नई योजना, परियोजना, या नीति की घोषणा नहीं कर सकती, जिससे मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके।
2. चुनाव की अवधि के दौरान किसी सरकारी अधिकारी का तबादला या पदोन्नति नहीं की जा सकती, जब तक चुनाव आयोग से अनुमति न ली गई हो।
3. चुनाव प्रचार के लिए सरकारी वाहनों, अधिकारियों, और अन्य संसाधनों का उपयोग मना है।
4. सरकारी विज्ञापनों या मीडिया पर किसी भी प्रकार का सरकारी प्रचार मना है, जो चुनाव को प्रभावित कर सके।

 आचार संहिता के उल्लंघन पर कानूनी प्रभाव:
1. चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज हो सकते हैं।
2. चुनाव आयोग उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ़ कार्रवाई कर सकता है, जिसमें चेतावनी, प्राथमिकी दर्ज कराना, या उम्मीदवार का नामांकन रद्द करना शामिल हो सकता है।
3. चुनाव से संबंधित किसी भी उल्लंघन पर अदालत में मामला दर्ज किया जा सकता है, जो उम्मीदवार की चुनावी योग्यता को प्रभावित कर सकता है।

 

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