Edited By vasudha,Updated: 07 Sep, 2018 12:44 AM
तेलंगाना में मंत्रिपरिषद की बैठक में विधानसभा को भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। है जिससे राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो गया। वीरवार को मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राजभवन जाकर राज्यपाल ईएसएल...
नेशनल डेस्क: राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन के तेलंगाना विधानसभा भंग करने की चंद्रशेखर राव मंत्रिमंडल की सिफारिश को तत्काल स्वीकार कर लेने से नवगठित राज्य की पहली सरकार का कार्यकाल चार साल तीन माह और चार दिनों में ही समाप्त हो गया। राज्यपाल ने के. चंद्रशेखर राव से नयी सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने का आग्रह किया जिसे श्री राव ने स्वीकार कर लिया।
विधान सभा के भंग होते ही तेलंगाना में समय से पहले चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया। राव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधानसभा भंग करने की सिफारिश संबंधी एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद राव मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ राजभवन गये और उन्होंने नरसिम्हन को प्रस्ताव की प्रति सौंपी। तेलंगाना विधानसभा भंग होने से इसी वर्ष होने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनावों के साथ राज्य में चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के राज्यपाल श्री नरसिम्हन के प्रधान सचिव हरप्रीत सिंह ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्यपाल ने राव और उनकी मंत्रिपरिषद की विधानसभा भंग करने की सिफारिश स्वीकार कर ली है।
बता दें कि वर्तमान तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 2019 में खत्म हो रहा है और अगले आमचुनाव के साथ इस राज्य का विधानसभा चुनाव कराया जाना प्रस्तावित है। लेकिन चंद्रशेखर राव समय से पहले चुनाव करवाकर आम चुनाव से पहले अपने राज्य में लोगों का मूड भांपना चाहते हैं, साथ ही वह चाहते हैं कि आम चुनाव के दौरान स्थानीय मुद्दे हावी न रहें। मुख्यमंत्री राव कई मौकों पर समय से पूर्व चुनाव कराए जाने का संकेत दे चुके हैं। अहम फैसले से पहले उन्होंने रविवार को आयोजित मेगा रैली में शक्ति प्रदर्शन किया था।