Edited By Anil dev,Updated: 02 Jul, 2019 10:46 AM
जब 13 दिसम्बर 2001 को संसद भवन पर हमला हुआ था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों पर उसी तरह के हवाई हमले की योजना बनाई थी जैसी मोदी सरकार ने बालाकोट में की थी।
नई दिल्ली: जब 13 दिसम्बर 2001 को संसद भवन पर हमला हुआ था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों पर उसी तरह के हवाई हमले की योजना बनाई थी जैसी मोदी सरकार ने बालाकोट में की थी। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने जिस तरह से दुस्साहस की हदें पार करते हुए देश की संसद को निशाना बनाया था उसने वाजपेयी को एयरस्ट्राइक की योजना बनाने के लिए मजबूर कर दिया था।
हाल ही में पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार की प्रकाशित हुई एक किताब से इसका खुलासा हुआ है। 28 जून को राजधानी में विमोचित हुई अपनी पुस्तक ‘ए प्राइम मिनिस्टर टू रिमैंबर’ में पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार ने लिखा है कि जैश के 5 आतंकियों की ओर से भारत की संसद पर हमले के तुरंत बाद तीनों सेना के चीफ रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा से आर्मी ऑप्रेशन रूम में मिले।
इस दौरान एल.ओ.सी. के पार और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को नष्ट करने के लिए हवाई हमले की योजना पर चर्चा हुई थी।