Edited By ,Updated: 13 Dec, 2015 07:34 PM
देश में अपने जैसा दूसरा पदकविजेता धावक सामने न आ पाने पर चिंता जताते हुए ‘उडऩ सिख’ मिल्खा सिंह ने आज कहा कि देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है।
इंदौर: देश में अपने जैसा दूसरा पदकविजेता धावक सामने न आ पाने पर चिंता जताते हुए ‘उडऩ सिख’ मिल्खा सिंह ने आज कहा कि देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स स्पर्धाओं में पदक जीतने के लिये सरकार को भारतीय ओलंपिक संघ के साथ मिलकर समयबद्ध योजना बनानी चाहिये।
इसके साथ ही, सभी स्कूलों में एथलेटिक्स को मुख्य खेल के तौर पर अनिवार्य किया जाना चाहिये। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। पीटी उषा और अंजू बॉबी जार्ज जैसी एथलीट इसी देश में पैदा हुई हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हम एथलेटिक्स में पदक नहीं जीत पा रहे हैं, तो मैं इसके लिये सरकार को दोष नहीं दूंगा क्योंकि वह खेलों को बढ़ावा देेने के लिये सारी सुविधाएं और खर्च मुहैया करा रही है।
इस सिलसिले में नतीजे देने की सारी जिम्मेदारी भारतीय ओलंपिक संघ की होती है।’ सिंह ने कहा,‘अगर मैं देश का खेल मंत्री होता, तो एक बैठक बुलाकर भारतीय ओलंपिक संघ से पूछता कि जब सरकार सारी सुविधाएं और खर्च दे रही है, तो नतीजे सामने क्यों नहीं आ रहे हैंं। अगर देश को मेरे जैसे एथलीट चाहिये, तो सरकार को भारतीय ओलंपिक संघ और दूसरे खेल संगठनों के साथ बैठकर समयबद्ध योजना बनानी चाहिये। इसके साथ ही, देश के सभी स्कूलों में एथलेटिक्स को मुख्य खेल के तौर पर अनिवार्य किया जाना चाहिये।’