Edited By shukdev,Updated: 16 Sep, 2019 11:27 PM
कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण ने सोमवार को आरोप लगाया कि पिछले पांच-छह साल में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं और मुद्दे के खिलाफ लड़ने वाले पक्षों को केंद्र ‘चुप'' कर रहा है। भीम आर्मी द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘वे (दलित)...
नई दिल्ली: कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण ने सोमवार को आरोप लगाया कि पिछले पांच-छह साल में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं और मुद्दे के खिलाफ लड़ने वाले पक्षों को केंद्र ‘चुप' कर रहा है। भीम आर्मी द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘वे (दलित) अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। अगर आप किसी के खिलाफ इतना अत्याचार करेंगे तो उधर से भी जवाब मिलेगा और यह देश के लिए खतरनाक होगा।'
उन्होंने आरोप लगाया,‘पिछले पांच साल में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं और खासकर जहां पर भाजपा का शासन है उन राज्यों में निर्ममता पूर्वक उनकी पिटाई की गई।'उन्होंने कहा कि ऐसे मामले अन्य राज्यों से भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले दलित पार्टी बसपा अत्याचार के खिलाफ लड़ती थी। सरकार ने उनके नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज उन्हें किसी तरह चुप कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने भीम आर्मी बनाई और तुरंत ही दलितों की आवाज बनने लगे। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने भीम आर्मी को कुचलने के लिए साजिश रची।
भूषण ने आरोप लगाया कि आजाद को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था और उन्हें रैलियों में जाने की अनुमति नहीं दी गई। भीम आर्मी के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने के खिलाफ विरोध करने के लिए आजाद के परिवार के सदस्यों पर मामला दर्ज किया गया।