Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 May, 2018 08:42 PM
केरल में सामने आए निपाह वायरस के मामलों के बाद भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) ने ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड सरकार से खत लिखकर उनसे वहां विकसित की गई एक एंटीबॉडी उपलब्ध कराने को कहा है जिससे यह जांचा जा सके कि क्या यह इंसानों में भी वायरस को...
नई दिल्ली: केरल में सामने आए निपाह वायरस के मामलों के बाद भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) ने ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड सरकार से खत लिखकर उनसे वहां विकसित की गई एक एंटीबॉडी उपलब्ध कराने को कहा है जिससे यह जांचा जा सके कि क्या यह इंसानों में भी वायरस को ‘काबू’ कर सकती है। इस एंटीबॉडी का परीक्षण अब तक इंसानों पर नहीं हुआ है।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ .बलराम भार्गव ने कहा, ‘हमनें उनसे उनकी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी देने को कहा है जिससे भारत में इनका परीक्षण हो सके कि क्या यह इंसानों में निपाह वायरस को काबू में कर सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में इसका सिर्फ विट्रो (शरीर के बाहर कृत्रिम परिस्थितियों में, अक्सर परखनली में) परीक्षण हुआ है और इसे प्रभावी पाया गया। इंसानों पर लेकिन इसका परीक्षण नहीं हुआ है।’ भार्गव ने स्पष्ट किया कि इससे टीका नहीं बनेगा। आईसीएमआर भारत में जैव चिकित्सकीय शोध के निष्पादन , समन्वय और संवर्धन के लिए सर्वोच्च निकाय है।