Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Aug, 2020 03:39 PM
रामलला अब हर महीने अवधवासियों से मिलने के लिए मंदिर से निकला करेंगे। अयोध्या में हर महीने शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को रामलला प्रजा का हाल-चाल जानने और उनसे मिलने के लिए अपने मंदिर से सरयू तट पर बने रामघाट तक जाया करेंगे। वहां वैदिक विधि-विधान से...
नेशनल डेस्कः रामलला अब हर महीने अवधवासियों से मिलने के लिए मंदिर से निकला करेंगे। अयोध्या में हर महीने शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को रामलला प्रजा का हाल-चाल जानने और उनसे मिलने के लिए अपने मंदिर से सरयू तट पर बने रामघाट तक जाया करेंगे। वहां वैदिक विधि-विधान से कल्याण महोत्सव पूजन के बाद रामलला सरयू दर्शन करेंगे। सरयू दर्शन के बाद प्रभु वापस मंदिर लौट आएंगे। श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के मुताबिक, उत्सव प्रिय रामलला और अवधवासियों की भावनाओं को देखते हुए न्यास ने तय किया है कि दशरथ नंदन रामलला कभी पालकी, कभी रथ और कभी सुंदर विमान से नगर भ्रमण किया करेंगे।
चक्रवर्ती सम्राट के महिमामय स्वरूप में चंवर छत्र और राजदंड धारण कर भव्य शोभायात्रा के साथ रामलला बाहर निकला करेंगे। इतना ही नहीं श्री रामनवमी यानी चैत्र शुक्ल नवमी को अपने जन्मदिन पर रामलला अपने तीनों भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के साथ अलग-अलग रथ पर सवार होकर अपने मंदिर से निकलकर रामकोट में नगरभ्रमण करेंगे।
ये विशिष्ट यात्रा दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में श्री रामलला के प्राकट्य उत्सव के बाद जन्म महाभिषेक और श्रृंगार, राजभोग और आरती के बाद होगी, यानि कि इस दिन रामलला राजभोग आरती के बाद विश्राम नहीं किया करेंगे बल्कि नगर में प्रजा से मिलने और उनकी भावनाएं- शुभकामनाएं स्वीकार करने और शुभ आशीष देने स्वयं नगर में निकलेंगे। इससे पहले रामलला का नौ दिवसीय जन्मोत्सव समारोह का भव्य समापन शोभायात्रा से होता रहा है, अब वार्षिक के साथ-साथ मासिक उत्सव भी अवध वासियों को सुख देगा।