आयुष्मान भारतः सरकारी की बजाय प्राइवेट अस्पतालों में लोग करा रहे इलाज

Edited By Yaspal,Updated: 01 Nov, 2018 08:10 PM

ayushman india people doing treatment in private hospitals

धानमंत्री जन आरोग्य योजना यानि कि ''आयुष्मान भारत'' को लागू हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुका है। इस योजना के तहत सामने आने वाले आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं...

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानि कि 'आयुष्मान भारत' को लागू हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुका है। इस योजना के तहत सामने आने वाले आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। लोग सरकारी अस्पतालव की बजाय प्राइवेट अस्पतालों को तरजीह दे रहे हैं। योजना के तहत अब तक कुल मामलों में से दो-तिहाई अकेले प्राइवेट अस्पतालों के सामने आए हैं। कुल दावों का 76 फीसदी भुगतान इन प्राइवेट अस्पतालों के खाते में गया है।

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आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा योजना को क्रियान्वित करने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी को 22 सितंबर 2018 से लेकर 26 अक्टूबर 2018 तक मिले आंकड़ों के मुताबिक केवल इस बीच 1, 27,833 सर्जरी हुईं, जिनके 33 फीसदी क्लेम ही सरकारी अस्पतालों को मिले हैं। आयुषमान भारत के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें सबसे ज्यादा क्लेम ओरल एंड मैक्सिलोफेसियल सर्जरी, जनरल मेडिसिन, नेत्रों से संबंधित, प्रसूति एवं स्त्री रोग और जनरल सर्जरी के आए हैं। वहीं अस्पताल में भर्ती होने वाले 1,27,833 लाभार्थियों में से 28 फीसदी पुरुष और 42 फीसदी महिलाएं रहीं।

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आयुष्मान भारत कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना को 23 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया था, जिसके तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाना है। अभी तक इस योजना में 23 राज्य शामिल हो चुके हैं, वहीं केरल ने हाल ही में योजना को लागू करने को लेकर MoU साइन किया है। वहीं दिल्ली, तेलंगाना और उड़ीसी ने अभी तक इस योजना को लागू नहीं किया है।

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राष्ट्रीय स्वास्थय एजेंसी के सीईओ डॉ. इंदुभूषण ने बताया कि प्रधानमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना बेहतरीन तरीके से काम कर रही है और वे इससे पूर्णतया संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है, जिसमें भविष्य में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर सरकारी अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने जैसी योजनाएं भी शामिल हैं।

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हालांकि बीमा योजना को लागू  करने से पहले कहा जा रहा था कि इसके लागू होने के बाद सरकारी अस्पतालों को अतिरिक्त पैसा मिलेगा। जिससे उनके हालात सुधारने में मदद मिलेगी और साथ ही वे अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे। आयुष्मान भारत से मिले आंकड़े बताते हैं कि अभी योजना में 14 हजार 129 अस्पताल शामिल हो चुके हैं, जिनमें 6340 सरकारी और 7789 निजी अस्पताल शामिल हैं।  हालांकि कई बड़े कॉरपोरेट अस्पताल कम पैकेज के चलते योजना में शामिल नहीं हुए हैं। सरकार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एक महीने में सबसे ऊपर आने वाले राज्यों में गुजरात, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। 

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