Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Dec, 2019 10:28 AM
भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख बी.एस. धनोआ ने कहा कि बालाकोट हवाई हमला पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों एवं आतंकवादी संगठनों को यह बताने के लिए था कि भारत में किसी भी आतंकवादी हमले की ‘‘कीमत चुकानी पड़ेगी'''' और प्रभावी तरीके से यह संदेश पड़ोसी मुल्क को...
नेशनल डेस्कः भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख बी.एस. धनोआ ने कहा कि बालाकोट हवाई हमला पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों एवं आतंकवादी संगठनों को यह बताने के लिए था कि भारत में किसी भी आतंकवादी हमले की ‘‘कीमत चुकानी पड़ेगी'' और प्रभावी तरीके से यह संदेश पड़ोसी मुल्क को समझा दिया गया है। पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से यहां आयोजित सैन्य साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन ‘‘अंडरस्टैंडिंग द मैसेज ऑफ बालाकोट'' पर चर्चा के दौरान पूर्व वायु सेना अध्यक्ष ने कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक पाकिस्तान को एक मैसेज था कि भारत अब किसी भी तरह के आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकियों को इसकी कीमत चुकानी होगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से..... कुछ गलतियां' हुई हैं जिसके लिए उपाय किए गए हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा। धनोआ ने हालांकि, ये ‘गलतियां' क्या थीं, इसके बारे में जानकारी नहीं दी। उन्होंने इशारा किया कि मुंबई में 1993 में हुए बम धमाकों एवं 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मद्देनजर भारत की तरफ से कोई सैन्य कार्रवाई नहीं हुई। वायुसेना प्रमुख के पद से 30 सितंबर को अवकाश ग्रहण करने वाले धनोआ ने कहा, ‘‘उरी में 2016 में हुए आतंकवादी हमले के बाद सेना पहली बार जवाब दिया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लांच पैड को ध्वस्त किया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को संदेश मिल गया कि नई सरकार अपनी धरती पर होने वाले बड़े आतंकवादी हमले का जवाब सैन्य तरीके से देगी। धनोआ ने कहा कि इस साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले में हमारे 40 जवान शहीद हुए, तब हमारे दिमाग में दो ही प्रश्न थे-कब और कहां इसका बदला लिया जाएगा।'' पूर्व एयर चीफ मार्शल ने बताया कि बालाकोट स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाने का निर्णय किया गया क्योंकि पुलवामा हमले के पीछे इसी आतंकवादी संगठन का हाथ था।