Edited By ,Updated: 26 Oct, 2015 04:00 PM
मध्यप्रदेश हमेशा से टूरिस्ट्स के लिए खास रहा है। लेकिन पूरे उत्तर भारत मेंं आए विनाशकारी भूकंप ने आज 18 साल पहले जबलपुर में आए भूकंप की यादें ताजा कर दी है।
जबलपुर: मध्यप्रदेश हमेशा से टूरिस्ट्स के लिए खास रहा है। लेकिन पूरे उत्तर भारत मेंं आए विनाशकारी भूकंप ने आज 18 साल पहले जबलपुर में आए भूकंप की यादें ताजा कर दी है। जबलपुर की बैलेंसिंग रॉक्स जो 1997 के भूकंप के बाद भी ऐसे ही खड़ी रही। इसके बारे में आज तक रहस्य बना हुआ है कि ये पत्थर एक दूसरे पर कैसे टिके हैं।
जानकारी के मुताबिक, 22 मई 1998 को आए भूकंप ने शहर में भारी तबाही मचाई थी। कई पक्के मकान ध्वस्त होने के बावजूद 8.2 तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप बैलेंसिंग रॉक को गिरा नहीं पाया। यह ऐसा पत्थर है, जिसे देखने में लगता है कि छूते ही गिर जाएगा लेकिन भूकंप भी इसे नहीं गिरा पाया।
जबलपुर में बैलेंसिंग रॉक सालों से इसी तरह जमा हुआ है। कई भूवैज्ञानिक और पुरातत्वविदों के इसके पीछे का रहस्य समझने की कोशिश की। उन सभी का एक ही जवाब है कि ये पत्थर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण अपने स्थान पर जमा हुआ है।