Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Apr, 2019 08:54 AM
मद्रास हाईकोर्ट ने चीनी सोशल मीडिया मोबाइल एप टिक टॉक से इस शर्त के साथ प्रतिबंध हटा लिया कि इस मंच का उपयोग अश्लील वीडियोज के लिए नहीं होना चाहिए। हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने चेतावनी दी कि अगर इस एप के जरिए पोस्ट किए गए
नई दिल्लीः मद्रास हाईकोर्ट ने चीनी सोशल मीडिया मोबाइल एप टिक टॉक से इस शर्त के साथ प्रतिबंध हटा लिया कि इस मंच का उपयोग अश्लील वीडियोज के लिए नहीं होना चाहिए। हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने चेतावनी दी कि अगर इस एप के जरिए पोस्ट किए गए किसी विवादास्पद वीडियो से शर्तों का उल्लंघन होता है तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा। न्यायमूर्ति एन. किरूबाकरन और न्यायमूर्ति एस.एस. सुंदर की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले की सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल को केंद्र को मोबाइल एप टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। इस एप का उपयोग छोटे वीडियो बनाने के लिए किया जाता है। वहीं कंपनी ने कहा कि हम इस फैसले से खुश हैं और हमें विश्वास है कि इस फैसले का स्वागत टिक टॉक कम्यूनिटी भी करेगी। कंपनी ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि हम हमारे यूजर्स को बेहतर तरीके से सर्व किए जाने के लिए दिए गए इस मौके के लिए आभारी हैं।
हम लागातर अपने प्लेटफॉर्म को गलत इस्तेमाल होने से रोकेंगे और काम यहीं खत्म नहीं होता है, हम अपनी सेफ्टी फीचर्स को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं ‘टिक-टॉक’ एप पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और राज्य के लोगों को अपशब्द कहने व अपमानित करने के आरोप में आंध्र प्रदेश के एक छात्र को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है।