CAA के समर्थन में उतरीं बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन

Edited By Tanuja,Updated: 19 Jan, 2020 03:04 PM

bangladeshi author taslima nasreen supports caa

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का जहां भारत में विरोध हो रहा है वहीं विदेशों में लोग इसके हक में आवाज बुलंद कर रहे हैं । बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने...

ढाकाः संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का जहां भारत में विरोध हो रहा है वहीं विदेशों में लोग इसके हक में आवाज बुलंद कर रहे हैं । बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने संशोधित नागरिकता कानू को ‘बहुत अच्छा’ और ‘उदार’ करार देते हुए कहा कि कानून में पड़ोसी देशों के स्वतंत्र मुस्लिम विचारकों, नारीवादियों और धर्मनिरपेक्ष लोगों के लिए छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, ‘यह सुनने में अच्छा लगता है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगनिस्तान में धार्मिक कारण से उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलेगी। यह बहुत अच्छा विचार है और बहुत ही उदार है।’

 

बता दें कि तस्लीमा के इस बयान के बाद CAA को लेकर फिर से सियासत गरमा गई है। निर्वासित जीवन बिता रही लेखिका ने इस पर कहा, ‘लेकिन मैं मानती हूं कि मुस्लिम समुदाय में मुझ जैसे लोग, स्वतंत्र विचारक और नास्तिक हैं जिनका उत्पीड़न पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में किया जाता है और उन्हें भारत में रहने का अधिकार मिलना चाहिए।’ नसरीन ने यह बात केरल साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन ‘निर्वासन : लेखक की यात्रा’ सत्र में कही ।

 

उल्लेखनीय है कि संसद से 11 दिसंबर को पारित सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित हिंदू, पारसी, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई समुदाय के ऐसे लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले तक यहां आए और छह साल से देश में रह रहे लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।

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