CAA हमारे लिए "व्यर्थ", बांग्लादेश में हिंदू पहले से ज्यादा सुरक्षित: बांग्लादेशी नेता

Edited By Tanuja,Updated: 11 Jun, 2022 02:11 PM

bangladeshi hindus don t view india s caa as a saviour

बांग्लादेश में रह रहा हिंदू समुदाय भारत में लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं है और उसका मानना है कि...

ढाका: बांग्लादेश में रह रहा हिंदू समुदाय भारत में लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं है और उसका मानना है कि यहां उसके समक्ष मौजूद चुनौतियों के समाधान में यह कानून अधिक मददगार नहीं है और अपनी मुश्किलों से उसे खुद ही निपटना होगा। यहां हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता और महानगर सर्वजन पूजा समिति के अध्यक्ष मोनिंदर कुमार नाथ ने  ने दावा किया कि शेख हसीना के शासन में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि इस संबंध में और अधिक कदम उठाए जाने की जरूरत है।

 

गौरतलब है कि पिछले साल ब्राह्मणबारिया और कुमिल्ला में सांप्रदायिक घटनाओं की शुरुआत हुई थी और ये चटगांव तक फैल गई थी। इस दौरान दुर्गा पूजा पंडालों को निशाना बनाया गया था। हालांकि शेख हसीना सरकार द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों और कार्रवाई के कारण स्थिति में सुधार देखा जा रहा है। नाथ ने बताया कि सरकार के उपायों के चलते पिछले 12 सालों में देश में दुर्गा पूजा पंडालों की संख्या 15 हजार से बढ़कर 30 हजार के करीब हो गई है। महानगर सर्वजन पूजा समिति हिंदुओं के धार्मिक मामलों का एक केंद्रीय निकाय है जो बांग्लादेश में समुदाय के सदस्यों को दुर्गा पूजा उत्सव की इजाजत प्रदान करता है।

 

नाथ ने कहा कि पिछले कुछ सालों में शेख हसीना सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े मामलों में बेहद शानदार कदम उठाए हैं, जिसकी वजह से यहां होने वाली घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकी है। उन्होंने कहा कि इसका समुदाय के सरकारी संस्थानों में प्रतिनिधित्व पर असर हुआ है और पहले के मुकाबले अब अफसरशाही में हमारी तादाद बढ़ी है। उन्होंने यह भी कहा ''अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। एक अल्पसंख्यक मंत्री और अल्पसंख्यक आयोग की हमारी मांग को अभी पूरा किया जाना है। अपने इस अधिकार के लिए हम आवाज उठा रहे हैं।''

 

उन्होंने कहा कि इसके जरिये हम अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा कर संकेंगे। नाथ ने कहा कि उनके एजेंडे में अलग अल्पसंख्यक मंत्रालय और अल्पसंख्यक आयोग है और उनका पूरा प्रयास है कि अगले साल होने वाले चुनाव के बाद उनके समुदाय को यह मंत्रालय/ आयोग मिल जाए। गौरतलब है कि हसीना सरकार में धार्मिक मामलों का मंत्रालय है, लेकिन अल्पसंख्यक मामलों का अलग मंत्रालय नहीं है। धार्मिक मामलों का मंत्रालय देश में मस्जिद, मंदिर, चर्च, पैगोड़ा और गुरुद्वारों की देखभाल करता है। भारत सरकार द्वारा लाए गए CAA कानून को लेकर नाथ ने कहा, ‘‘हमें इसकी जरूरत नहीं है, यह हमारा देश है और हम यहीं पर रहकर अपने अधिकारों को हासिल करेंगे।''

 

गौरतलब है कि भारत सरकार 2019 में नागरिकता संशोधन कानून लेकर आई थी और इसका उद्देश्य बांग्लाादेश, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान में अत्याचारों का शिकार अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करना है। नाथ ने कहा कि शेख हसीना सरकार बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के हितों के लिए कार्य कर रही है। सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि ढाका में स्थित ढाकेश्वरी मंदिर को उसकी पूर्व में कब्जाई गई जमीन वापस मिल सकी है। उन्होंने कहा कि मंदिर को करीब 1.5 एकड़ जमीन उसके विस्तार के लिए मिली है।  

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