Edited By shukdev,Updated: 13 Dec, 2019 08:05 PM
दिल्ली की एक अदालत ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे एवं कारोबारी रतुल पुरी को जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने पांच लाख रुपए की जमानत राशि और इतनी ही राशि के दो...
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे एवं कारोबारी रतुल पुरी को जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने पांच लाख रुपए की जमानत राशि और इतनी ही राशि के दो मुचलके पर पुरी को राहत प्रदान की। पुरी के जेल से बाहर आने की संभावना है क्योंकि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। अदालत ने आरोपी को बिना पूर्व अनुमति के देश से बाहर नहीं जाने और जरूरत पड़ने पर जांच में शामिल होने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा, वह ‘सबूतों से छेड़छाड़' या ‘गवाहों से संपर्क साधने या उन्हें प्रभावित करने की कोशिश' नहीं करेंगे। पुरी की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपराध की कथित अवधि के पहले ही कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा, ‘मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता।' प्रवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक एन के मट्टा ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अगर पुरी को जमानत पर छोड़ा गया तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले महीने पुरी और उनकी कंपनी मोजर बेयर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
ईडी ने पुरी को 20 अगस्त को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने 17 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की थी, उसी से यह मामला सामने आया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 354 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में पुरी और उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता (कमलनाथ की बहन) और अन्य पर मामला दर्ज किया गया था। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेशी के बाद बैंक धोखाधड़ी मामले में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत पुरी को गिरफ्तार किया गया था।
बहरहाल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में पुरी को जमानत प्रदान करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ ईडी की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड धनशोधन मामले में पुरी को दो दिसंबर को जमानत देते हुए उन्हें ‘सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने' या ‘गवाहों से संपर्क साधने या प्रभावित करने की कोशिश' नहीं करने को कहा था।