Edited By Seema Sharma,Updated: 29 Apr, 2020 01:34 PM
देश के 50 टॉप डिफॉल्टरों (जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले) के ऋण को बट्टे खाते में डाले जाने पर मोदी सरकार पर हमलावर हुए कांग्रेस को भाजपा ने करारा जवाब दिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के...
नेशनल डेस्कः देश के 50 टॉप डिफॉल्टरों (जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले) के ऋण को बट्टे खाते में डाले जाने पर मोदी सरकार पर हमलावर हुए कांग्रेस को भाजपा ने करारा जवाब दिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए। जावड़ेकर ने कहा कि मैं राहुल गांधी की आरोप को सिरे से खारिज करता हूं कि मोदी सरकार ने 65,000 करोड़ रुपए माफ कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक भी पैसा माफ नहीं किया गया है। कर्ज को बट्टे खाते में डालने का मतलब माफ करना नहीं होता है।
जावड़ेकर ने कहा कि राहुल को चिदंबरम से कर्ज माफी और कर्ज को बट्टे खाते में डालने में अंतर समझने के लिए ट्यूशन लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बैंकों को कार्रवाई करने और वसूली करने से नहीं रोकता है. हमने देखा है कि कैसे नीरव मोदी की संपत्ति जब्त और नीलाम की गई। माल्या के पास कोई विकल्प नहीं बचा है. हाई कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया है। वहीं कांग्रेस पार्टी पर हमलावर होते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले संप्रग सरकार की ‘फोन बैंकिंग’ के लाभकारी हैं।
सरकार उनसे बकाया वसूली के लिए उनके पीछे पड़ी है। सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने जानबूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले, फंसे कर्जों और राइट-ऑफ (बट्टे खाते) पर गुमराह करने की कोशिश की। 2009-10 और 2013-14 के बीच अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने 145226 करोड़ रुपए की राशि को राइट-ऑफ (बट्टे खाते में) किया था।