Edited By shukdev,Updated: 31 Jan, 2020 12:00 PM
31 जनवरी से बैंक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल की घोषणा की है।सरकार के साथ बातचीत विफल रहने के बाद तमाम बैंक यूनियनों ने यह फैसला लिया। सार्वजनिक क्षेत्र के देश के ज्यादातर बैंक 31 जनवरी और एक फरवरी...
नई दिल्ली: 31 जनवरी से बैंक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल की घोषणा की है।सरकार के साथ बातचीत विफल रहने के बाद तमाम बैंक यूनियनों ने यह फैसला लिया। सार्वजनिक क्षेत्र के देश के ज्यादातर बैंक 31 जनवरी और एक फरवरी को बंद रहेंगे। दो फरवरी को भी बैंक बंद रहेंगे, क्योंकि उस दिन रविवार है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने कहा है कि 31 जनवरी और एक फरवरी को बैंकों में हड़ताल रहेगी। वहीं मार्च में 11,12 और 13 तारीख को भी हड़ताल रहेगी। बैंक यूनियन ने एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की भी घोषणा की है।
बैंक कर्मचारी नवंबर 2017 से सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अभी तक 12.25% वेतन बढ़ाने का ऑफर किया गया है जो कि यूनियंस की मंजूर नहीं है। 9 ट्रेड यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। UFBU के अंतर्गत आल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन, आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज, आॅल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, बैंक इम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया आता है।
बैंक कर्मचारी 11-13 मार्च को भी तीन दिन की हड़ताल करेंगे। यह हड़ताल कई मांगों को लेकर की जा रही है, जिन्हें अब तक माना नहीं गया है। समान काम की समान सैलरी, काम का समय निर्धारित करने, पारिवारिक पेंशन आदि से जुड़ी मांगें पूरी न पूरी होने के कारण दोबारा हड़ताल का आह्वान किया गया।
हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर पड़ा असर
बैंक कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी और जमा समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुईं। बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं। हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंक खुले हैं। भारतीय स्टेट बैंक समेत विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है कि हड़ताल की वजह से बैंकिंग सेवाओं पर कुछ असर पड़ सकता है। बैंककर्मियों की हड़ताल से नकदी जमा और निकासी, चेक क्लीरेंस और कर्ज वितरण जैसी सेवाएं प्रभावित रहीं।