BCI की वकीलों से हड़ताल खत्म करने की अपील, बहिष्कार जारी रखने पर कार्रवाई की चेतावनी

Edited By shukdev,Updated: 13 Nov, 2019 11:26 PM

bci appeals to lawyers to end strike warns of action to continue boycott

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने वकीलों से गुरुवार से अपने काम पर लौटने की अपील करते हुए उन्हें चेतावनी दी है कि यहां सभी छह जिला अदालतों से उनकी अनुपस्थिति को उच्चतम न्यायालय गंभीरता से ले सकता है और हड़ताल जारी रहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो ...

नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने वकीलों से गुरुवार से अपने काम पर लौटने की अपील करते हुए उन्हें चेतावनी दी है कि यहां सभी छह जिला अदालतों से उनकी अनुपस्थिति को उच्चतम न्यायालय गंभीरता से ले सकता है और हड़ताल जारी रहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। 

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वहीं, समन्वय समिति ने कहा कि वकील गुरुवार को भी काम पर नहीं आएंगे। इसने इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने और 15 नवंबर को संसद मार्च कर ने का भी संकल्प लिया है। जिला अदालतों के वकील बुधवार को भी काम पर नहीं लौटे। वे उन पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जिन्होंने नवंबर की शुरुआत में हुई झड़प में कथित तौर पर गोली चलाई थी। बीसीआई ने कहा कि 10 दिनों के लिए हड़ताल निलंबित करने के लिए सहमत होने के बावजूद यह देख कर वह दुखी है। बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने एक बयान में कहा कि बार नेताओं को बार काउंसिल के उनके संबद्ध कार्यालयों या बार एसोसिएशनों से हटाया जा सकता है और भविष्य में बार चुनाव लड़ने से अयोग्य भी करार दिया जा सकता है। 

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मिश्रा ने कहा,‘हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि दिल्ली में अदालतों से लंबे समय तक वकीलों की अनुपस्थिति को उच्चतम न्यायालय बहुत गंभीरता से लेगा तथा बीसीआई, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली, समन्वय समिति तथा दिल्ली के बार एसोसिएशनों को अवमानना कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच, बुधवार को ही दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई, जिसमें वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद जिला अदालतों में हड़ताल के दौरान वादियों, पुलिसकर्मियों और आम लोगों को कथित तौर पर पीटने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया गया है। 

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मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने बुधवार को कहा कि वर्तमान में पुलिस और वकीलों के बीच मुद्दों को हल किया जा रहा है। पीठ ने मामले की सुनवाई की तिथि 11 फरवरी, 2020 तय की। सामाजिक कार्यकर्ता अजय गौतम द्वारा दाखिल जनहित याचिका (पीआईएल) में आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी वकीलों ने वादियों को अपने मामलों की सुनवाई में शामिल होने के लिए अदालत परिसरों में प्रवेश करने से रोका। हड़ताल के कारण वकील अदालतों में पेश नहीं हो रहे हैं। याचिका में दावा किया गया है कि जिला अदालतों में लगातार हड़ताल से अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कार्यवाही बाधित हो रही है।

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