Edited By Yaspal,Updated: 02 Oct, 2022 08:32 PM
अभी तक सोशल मीडिया से दूर रहने वाले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आगामी इंटरपोल महासभा से पहले ट्विटर और इंस्टाग्राम पर पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। इस महासभा में 195 देशों के हिस्सा लेने की उम्मीद है
नई दिल्लीः अभी तक सोशल मीडिया से दूर रहने वाले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आगामी इंटरपोल महासभा से पहले ट्विटर और इंस्टाग्राम पर पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। इस महासभा में 195 देशों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने 18 अक्टूबर से शुरू होने वाली तीन दिवसीय 90वीं महासभा के लिए यूजर आईडी सीबीआई_सीआईओ के साथ दोनों मंचों पर अपने अकाउंट बनाये हैं। प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के उलट सीबीआई ने सोशल मीडिया से दूरी बनाये रखी और प्रेस विज्ञप्ति जारी करने की सदियों पुरानी प्रथा जारी रखी।
अधिकारियों ने कहा कि महासभा साइबर अपराध, वित्तीय अपराधों और इंटरनेट पर प्रसारित होने वाली बाल यौन शोषण सामग्री पर ध्यान केंद्रित करेगी। 1997 में एक महासभा का आयोजन कर चुके भारत को आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर एक वोट के माध्यम से इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मौका दिया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक को एक प्रस्ताव दिया था, जिन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान मंत्री से मुलाकात की थी।
महासभा इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है, जिसमें 195 सदस्य देशों में से प्रत्येक के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जो सालाना मिलते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व एक या कई प्रतिनिधि कर सकते हैं, जो आम तौर पर मंत्री, पुलिस प्रमुख, उनके इंटरपोल राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। भारत 1949 में संगठन में शामिल हुआ था।
भारत अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन के सबसे पुराने सदस्यों में से एक है, जिसे इंटरपोल के नाम से जाने जाना जाता है। इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में है। इसकी स्थापना 1923 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस आयोग (आईसीपीसी) के रूप में हुई थी।
सीबीआई को इंटरपोल के लिए भारत के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में नामित किया गया है। एजेंसी ने इंटरपोल से सूचना पर आधारित दो हालिया अभियानों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है - ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री के खिलाफ ऑपरेशन मेघ चक्र और नशीले पदार्थों के खिलाफ ऑपरेशन गरुड़।